Antarvasna-Kamukta

कामवाली ने अपनी सहेली को चुदवाया

antarvasna antarvassna Indian Sex Kamukta चारपाई की कुटूर कुटूर आवाज आ रही थी. सनी ने लंड कामवाली नफीसा की चूत में पेला हुआ था. पिछले दस महीने से नफीसा रेग्युलर सनी से चुदती आ रही हैं. सनी ने अब उसके गालों पर हाथ फेरा और धीरे से अपनी वीर्य को चूत के ऊपर ही छोड़ दिया. नफीसा ने अपने फ्रॉक से ही लंड का पानी साफ़ कर दिया. वो उठ के अपनी सलवार का नाडा बाँधने लगी.
कोई और चूत का जुगाड़ करो

“क्या बात हैं साहब, आप मूड में नहीं रहते हो आजकल?” नाड़े में गांठी लगाते हुए नफीसा बोली.

“कुछ नहीं नफीसा, ऐसी कोई बात नहीं हैं.” सनी ने सिगरेट जला ली और फूंकते हुए बोला.

नफीसा ने अपने कपडे सही किये और उठ के बोली, “कोई तो बात हैं साहब वरना आप मुझे इतनी जल्दी कपडे नहीं पहनने देते थे पहले कभी.”

“हा हा हा हा….नफीसा तुम आज भी मेरी पहली पसंद हो यार.” सनी ने नफीसा के बूब्स दबाते हुए कहा.

“लेकिन कभी कभी मैं सेक्स जीवन में बदलाव चाहता हूँ. तभी तो मैंने अपनी बीवी को नागपुर से यहाँ नहीं बुलाया. मैं एक तरह के और एक इंसान के साथ सेक्स कर कर के बोर हो जाता हूँ कभी कबार..!” सनी ने अपनी बात चालू रखी.

“आप को कैसी लड़की चाहिएं, मैं कुछ हेल्प करूँ.” नफीसा ने कहा.

“कोई भी चलेंगी, लेकिन उम्र में कम से कम 25 की होनी चाहियें..! उसका अनुभव मेरे लिए सही रहेंगा.” सनी ने अपनी अंडरवेर को घुटनों से ऊपर चढाते हुए कहा. फिर उसने अपने पर्स से 200 रूपये निकाल के नफीसा को दे दिए. ये उसकी चुदाई का चार्ज था.

नफीसा कपडे धो के चली गई. शाम को खाना बनाने के लिए जब वो आई तो उसके साथ एक 27-28 साल की लड़की थी. भरे हुए गाल और पतले होंठ, कमर कुछ 30 के करीब, छाती पर की गोलाईयां कम से कम 34 की और पुठ्ठे का भाग 40 का पहली नजर में ही सेक्स का सामान था वो लड़की. सनी इंडिया टुडे पढ़ रहा था सोफे में बैठ के. सन्डे के दिन वो घर में ही रहता था पूरा दिन.

“साहब ये आरती हैं. मेरी पड़ोसन हैं, आप का काम यह कर देंगी.” नफीसा ने सीधे कहा.

सनी ने आरती की और देखा, “नफीसा तुमने इसे बताया की इसको क्या करना हैं?”

“जी साहब, दीदी सब बता दिए हैं हम को. आप को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा कभी कोई.” आरती ने कहा.

सनी और आरती को अकेले में छोड़ने के लिए नफीसा बोली, “साहब हम मार्केट से सब्जी ले के आते हैं, तब तक आप लोग बतिया लो.”

इतना कह के वो अपनी गांड मटकाती हुई निकल पड़ी. सनी ने आरती को सोफे पर आने के लिए इशारा किया.

आरती उसके बगल में आ बैठी. सनी ने उसे ऊपर से निचे तक निहारा और पूछा, “शादीसुदा हो तुम?”

आरती ने पल्लू को निचे कर के कहा, “जी हाँ, हमारा पति हमें बहुत दुःख देता हैं इसलिए नफीसा दीदी ने मदद किया हैं हमारी.”

सनी ने पल्लू वापस ऊपर किया और बोला, “मैं मज़बूरी के लिए नहीं सेक्स करता, अगर तुम सिर्फ पैसे के लिए कर रही हो तो मैं नहीं करूँगा कुछ भी..”

“साहब हैरान सिर्फ धन से नहीं, तन से भी हैं हम. दारु केनशे में चलने को तो होता नहीं हैं हमारे मरद से फिर सम्भोग कहा से करूँगा? हम भी प्यासे हैं और हमें भी एक मरद की बाहों की जरुरत हैं कभी से..!” आरती ने अपनी भड़ास निकाली.

सनी ने अपनी ट्रेक पेंट को निचे कर दिया गांड के ऊपर से, अंदर उसका लंड काली चड्डी में दिखने लगा. आरती ने चड्डी को हटा के लंड को बहार निकाल दिया. आरती ने लंड को सहलाया और फिर उसके सुपाड़े को चूमने लगी, वो जोर जोर से सुपाडा चूस रही थी. सनी ने ट्रेक पेंट पूरी निचे कर दी और खड़े हो के चड्डी भी उतार दी. आरती के मम्मे पकड के उसने दबाये और बोला, “चलो कपडे उतार दो तुम्हारें.”
आरती ने मजे दिए

आरती उठ खड़ी हुई और पल्लू और सारी को निकाल फेंका. फिर उसने अंदर की ब्रा और पेंटी भी निकाल दी. आरती का बदन मस्त सेक्सी लग रहा था, उसके ढले हुए बूब्स और पीछे निकली हुई गांड बड़ा आकर्षण जगा रहे थे. सनी ने आरती का हाथ पकड के नजदीक खिंचा और सोफे में लिटा के उसके साथ 69 पोजीशन में आ गया. आरती ने लंड मुहं में भर लिया और वो उसे जोर जोर से चूसने लगी. इधर सनी ने चूत में मुहं नहीं डाला लेकिन ऊँगली से ही वो चूत और गांड को उत्तेजित करने लगा. चूत में दो ऊँगली डाल के वो उसे अंदर बहार कर रहा था. और फिर चूत से निकले हुए पानी को वो गांड के छेद पर घिस रहा था. आरती सनी के अंडकोष और लंड को पूरा चाट रही थी और चूस रही थी.

पांच मिनिट के बाद सनी ने लंड आरती के मुहं में ही खोल डाला. उसके वीर्य से आरती का मुहं भर गया. आरती सब का सब वीर्य अपने गले के निचे उतार गई.

अब सनी ने आरती की टाँगे खोल दी और उसकी चूत में ऊँगली डाल दी. आरती ने अपनी दोनों टाँगे हाथ से ऊँची कर दी और वो ऊँगली से ही चुदने का मजा लुटने लगी. आरती के मुहं से आह आह की आवाजें आना चालू हो गई थी. चूत के दाने को ऊँगली से घिसने पर तो वो जैसे की बदन में करंट लगा हो ऐसे छटपटा जाती थी. सनी ने चूत को ऊँगली से ही पानी पानी कर दिया. उसके लंड में भी फिर से जान आ गई थी अब. वो उठा औत उसने लंड को पकड के चूत के छेद पर रख दिया.

एक ही झटके में लंड आधे से भी ज्यादा चूत में घुस गया. आह की आवाज से आरती ने लंड का स्वागत किया. सनी ने एक और झटके में लंड पूरा अंदर कर दिया और आरती को अपनी बाहों में भर लिया. आरती ने अपने हाथ से सनी की कमर को खरोंच दिया. सनी अपने लौड़े को आरती की चूत में चलाने लगा.

“साहब आप का लंड तो बहुत गरम और मोटा हैं…!” आरती गांड हिलाते हुए बोली.

“हाँ मादरचोद, ये तेरी चूत की चिंगारी को भूजा देंगा आज, और थोड़े दिन में मैं तेरी गांड भी पेलूँगा. तू मेरी रंडी बन के रहेंगी नफीसा की तरह ही. जिस दिन नफीसा की चूत से मजा नहीं आयेंगा मैं तुझे बुला के पेलूँगा…!” सनी के झटके अब और भी तीव्र होने लगे थे.

आरती अपनी गांड को सोफे के ऊपर ही उठा उठा के लंड का सामना कर रही थी. सनी का लौड़ा चूत में पूरा अंदर जा के बहार आ रहा था. आरती की आह आह से कमरे गूंज रहा था.

सनी ने अब लौड़ा चूत से बहार निकाल दिया. उसने आरती को सोफे में ही उलटा कर दिया. फिर पीछे से उसने कुतिया वाली स्टाइल में चूत में लौड़ा डाल दिया. चूत से आरपार हो के लौड़ा जैसे पेट में घुस गया हो ऐसा अहसास आरती को होने लगा था. लेकिन उसे भी सच में बड़ा मजा आ रहा था. तभी तो वो भी अपने कुल्हें उठा उठा के चुद रही थी. सनी गांड पर जोर जोर से मार के अपने लौड़े को अंदर बहार कर रहा था. तभी आरती झड़ गई और उसका पानी लंड पर निकल पड़ा.

सनी ने अपनी स्पीड और भी बढ़ा दी और वो गालियाँ देते हुए आरती को पेलने लगा. 2 मिनिट में ही उसके लंड का पानी भी निकल गया. आरती की चूत में ही सब पानी निकल पड़ा. आरती ने चूत को कस के सभी पानी अंदर ले लिया. फिर वो खड़ी हुई और कपडे पहनने लगी.

वो कपडे पहन के सोफे पर बैठी थी की नफीसा दरवाजा खोल के अंदर आई. सनी के माथे पर पसीना देख के वो समझ गई की खेल खत्म हो गया हैं.

“क्यूँ साहब, आरती काम की हैं या नहीं?” उसने नोटी वाले अंदाज में पूछा.

“बड़े काम की चीज हैं, इसे हर सन्डे को दिनभर के लिए लेते आना अपने साथ में…!” सनी ने 200 रूपये नफीसा के हाथ में देते हुए कहा…..!