हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दीप है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ। में एक रियल स्टोरी लिख रहा हूँ जो इसी साल मेरे साथ हुई। में कॉलेज स्टूडेंट हूँ और मुझे पढाई के साथ साथ घूमने का भी बहुत शौक है। में जिस कॉलोनी में रहता था, पड़ोस में ही मेरे बहुत अच्छे जानने वाले रहते है, मेरा उनके घर आना जाना रोजाना होता था, वो अंकल आंटी बहुत ही अच्छे थे और उनके 2 बेटी और 1 बेटा था, जो अक्सर बाहर ही रहता था। उनकी बेटियों में छोटी बेटी बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी, वो जब भी मुझको देखती थी तो स्माईल के साथ देखती और मुझसे बात करने का हमेशा मौका ढूढ़ती थी। उसका नाम सुधा था और उम्र 19 साल होगी, उसका फिगर 30-28-32 था। में जब भी उनके घर जाता था, तो केवल वो ही मुझे चाय या पानी देने आती थी और थोड़ी देर मुझसे बात करके जाती थी। अब मुझे लगता था कि वो मुझे लाईन देती है, लेकिन मुझे पढाई से फ़ुर्सत ही कहाँ थी।
फिर एक दिन में मॉर्निंग में उनके घर चला गया, तो मैंने देखा कि उनके घर में कोई नहीं था। फिर मैंने आवाज़ लगाई, तो किचन से आवाज़ आई कि घर में मेरे अलावा कोई नहीं है, अंदर आ जाओ, तो मैंने अंदर जाकर देखा तो सुधा अपने लिए डब्बे से बेसन निकाल रही थी, अब मुझे देखकर उसकी स्माइल खिल सी गई और वो मुझसे अजीब तरह से बातें करने लगी कि अच्छा हुआ तुम आ गये, में अकेले बोर हो रही थी और तुम हो तो में तुमसे ढेर सारी बातें करुँगी। फिर उसने चाय बनाई और हम साथ में बैठकर चाय पीने लगे और टी.वी चालू की तो उसमें एक किस सीन चल रहा था, अब वो उसे बड़े ध्यान से देखने लगी। अब मुझे अजीब सा लग रहा था, तभी उसने मुझसे पूछा कि कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड है कि नहीं? तो मैंने कहा कि नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। फिर वो हंसकर बोली कि तो आज तक किस भी नहीं की होगी? तो अब में कुछ नहीं बोल सका।
फिर वो उठी और स्माइल देते हुए चली गई, अब में मूवी देखता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद उसने आवाज़ लगाई कि में टावल भूल गई हूँ, क्या तुम ला दोगे? तो मैंने देखा कि टावल सोफे पर रखा था तो में टावल लेकर गया और धीरे से आवाज़ लगाई कि टावल। फिर उसने बाथरूम का पूरा दरवाजा खोलकर टावल लेने के लिए हाथ आगे किया। उस वक्त बस मुझे जन्नत दिख रही थी, वो क्या लग रही थी? भीगी हुई, गोरा बदन, गीले-गीले बाल और ब्रा पेंटी में सब कुछ महसूस होता हुआ। अब में मुस्कुरा कर वापस आ गया और अब मेरा लंड बिल्कुल सीधा तना हुआ था, अब मैंने भी मन बना लिया कि आज तो में कुछ करके ही जाऊंगा।
फिर जैसे ही वो बाथरूम से बाहर निकली तो वो देखने लायक थी, उसने रेड टी-शर्ट और टावल लपेट कर रखा था, उसकी गोरी-गोरी जांघे और काले-काले बाल। अब में जानबूझ कर लेपटॉप में पॉर्न साईट खोलकर मूवी देख रहा था और में नोटीस कर रहा था कि वो भी दरवाजे से सब देख रही है कि में क्या कर रहा हूँ? अब उसे गर्म करने के लिए मैंने भी धीरे से अपना तना हुआ लंड दिखाया और जैसे मैंने उसे देखा ही ना हो। बस फिर क्या था? अब उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो अंदर आकर कहने लगी कि पागल हो क्या? ये क्या देख रहे हो? तो में कुछ नहीं बोला, क्योंकि में जानता था कि वो थोड़ा तो ड्रामा करेगी ही। फिर जब वो शांत हुई तो मैंने कहा कि तुमको उस नंगी हालत में देखकर मेरी तो हालत ही खराब हो गई थी, तभी तो ये सब देख रहा था और मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया। अब वो भी मेरे साथ सोफे पर बैठ गई, फिर क्या था? अब में भी धीरे-धीरे उसके सिर पर हाथ फैरने लगा और उसके गीले-गीले बालों से खेलने लगा, अब वो भी मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने अपने सुलगते होंठ उसके होंठो पर रखे तो वो तो बिल्कुल आग पर बटर की तरह पिघल गई और मुझसे लिपट कर ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठ चूसने लगी। फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसकी टी-शर्ट उतार दी और ब्रा के पीछे से उसके हुक को खोल दिया और अपने हाथों से उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा और उसके निपल जो पूरे पिंक थे अपने दातों से बीच-बीच में काटने लगा। अब सुधा तो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां लेने लगी थी और उसकी सांसे भी ज़ोर-ज़ोर से चलने लगी थी। फिर मैंने उसे सोफे पर ही लेटाकर उसका टावल निकाल दिया। उसने सफ़ेद कलर की पेंटी पहनी थी, जो पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने भी उसकी पेंटी के ऊपर हाथ रखा तो वो बहुत ज़ोर से हैरान हो गई और ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी। फिर मैंने जैसे ही उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला तो वो मुझसे लिपटकर मेरे होंठ, गाल, गले पर चूमने लगी और मेरे बाल भी सहलाने लगी।
अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी और उसके बदन पर कोई कपड़ा नहीं था, ना कोई शर्म थी। उसके क्यूट से बूब्स और उन पर पिंक निपल और छोटी सी प्यारी सी चूत जिस पर छोटे-छोटे बाल थे। अब सुधा बहुत सेक्सी लग रही थी। अब मैंने भी उसकी टांगे फैलाकर अपना मुँह उसकी चूत पर जैसे ही रखा तो उसकी चीख भरी आह्ह्ह निकल गई, उसकी चूत का पानी भी बहुत अच्छी खुशबू दे रहा था। फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के होंठ पर रखकर जैसे ही सहलाई तो वो मेरा सिर पकड़कर चूत में दबाने लगी और में भी शुरू हो गया। अब बीच-बीच में मैंने उसके लिप पर हल्का सा काटा भी, जिससे वो तड़प उठती थी, लेकिन मेरा हाल तो इतना बुरा था कि मेरा लंड अंडरवियर फाड़कर बाहर आने को था, लेकिन इतने में डोर बेल बजी और आवाज़ आई कि बेटा गेट खोलो, वो कोई और नहीं उसके पापा थे। बस फिर क्या था? वो जल्दी से अपने कपड़े उठाकर रूम में भागी और में जाकर दरवाजा खोलने लगा और उनसे मिलकर चला गया, वो लोग पास में ही किसी रिश्तेदार के यहाँ से आए थे। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर उसी दिन दोपहर में सुधा का मैसेज आया कि आई मिस यू और में अभी अपने रूम में हूँ, तो में समझ गया कि वो बात करना चाह रही है, अब में भी मैसेज में चैट करने लगा और पूछा कि रूम में अकेले हो, तो उसने कहा कि हाँ। फिर मैंने उसको कॉल किया और इधर उधर की बातें करने लगा, जैसे सुबह कुछ हुआ ही नहीं हो। फिर थोड़ी देर में वो कहने लगी कि सुबह बहुत बुरा हुआ में अभी तक तड़प रही हूँ। दोस्तों वैसे सच में तड़प तो में उससे ज़्यादा रहा था, क्योंकि मिलती हुई चूत जो छिन गई थी। फिर मैंने उसे फोन पर ही सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसके सारे कपडे थोड़े-थोड़े उतरवा दिए और उसे मजबूर कर दिया कि वो खुद अपनी चूत में उंगली करे। पहले तो उसने बहुत मना किया, लेकिन धीरे-धीरे उसकी आग के कारण वो भी मान गई और ढेर सारी किस के साथ कहने लगी कि बहुत-बहुत अच्छा लग रहा है। फिर जैसे ही उसने अपनी उंगली चूत में डाली तो बस कहने लगी कि तुम मेरे ऊपर आ जाओ और बहुत अच्छा लग रहा है। अब में फोन सेक्स के कारण तड़प रहा था, लेकिन क्या करता? थोड़ी देर तक उसने ऐसे ही अपनी चूत की गर्मी को दूर किया और झड़ गई।
फिर वो कहने लगी कि सफ़ेद कलर का पानी निकल रहा है तो मैंने कहा कि डरो नहीं अब सो जाओ, फिर वो ढेर सारी किस देकर सो गई। फिर 2 दिन तक में उसके घर नहीं गया तो रात में उसका मैसेज आया कि तुम घर नहीं आते तो मुझे अच्छा नहीं लगता और कल याद से 10 बजे के बाद आ जाना, मम्मी पापा बाहर जा रहे है और शाम तक आयेगे। अब बस मेरी तो लॉटरी लग गई थी, लेकिन उसको तड़पाने के लिए मैंने रिप्लाई नहीं किया कि में आऊंगा। अब में मॉर्निंग में 10 बजने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, लेकिन शायद उसको और बेसब्री से इंतजार था। फिर जैसे ही उसके मम्मी पापा घर से निकले तो उसने मुझे कॉल किया और मैंने जानबूझ कर रिसीव नहीं किया और दुबारा कॉल आने पर रिसीव किया और पूछा कि क्या हुआ? तो वो गुस्से से बोली कि मैसेज नहीं मिला और कहाँ हो। फिर मैंने रिप्लाई किया कि कॉलेज में हूँ, आज एग्जॉम है तो रात तक आऊंगा, इतना सुनकर उसने बिना बाय किए फोन रख दिया।
फिर में भी जल्दी से घर की छत से उसकी छत पर कूद कर उसके रूम को खटखटाया, तो वो डर गई और धीरे से आवाज़ में पूछा कौन? तो मैंने रिप्लाई दिया कि आपको जिसका इंतजार है। फिर वो रोते हुए दरवाजा खोलकर मुझसे लिपट गई और गुस्सा करने लगी। फिर मैंने उसे गोद में उठाकर उसके बेड तक ले गया और उसे चुप कराया और उसकी गोद में लेट गया। उस दिन उसने स्कर्ट और टॉप पहना था और लग रहा था कि उसने मेरी सुविधा के लिए ब्रा तक नहीं पहनी थी, क्योंकि उसके बूब्स हिल रहे थे। अब बस फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसको अपने पास में लेटाया और उसके माथे पर किस करने लगा तो वो भी अपनी आँखे बंद करके लेटी थी और शर्मा रही थी। फिर मैंने कहा कि शरमाना है तो में जाऊं? तो उसने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि कुछ मत कहो बस करो।
फिर में अपने हाथ उसकी पूरी बॉडी पर सिर से लेकर जांघो तक सहलाने लगा और 2-3 बार ऐसा किया, तो उसकी सिसकियां चालू हो गई। अब उसकी बॉडी ढीली पड़ती जा रही थी और वो मचलने लगी थी, अब वो अपने होंठ को खुद काट रही थी। फिर मैंने भी अपने सारे कपडे उतार दिए और अब में केवल अंडरवियर में था। फिर वो मुझे लेटाकर मेरे ऊपर आकर बैठ गई और अपना टॉप उतारा, कसम से इतने प्यारे बूब्स लग रहे थे कि हमेशा खेलता रहूँ। अब में अपने हाथों से उनको मसलने लगा और अब वो धीरे-धीरे मेरी अंडरवेयर उतारने लगी और मेरे लंड से खेलने लगी और अपने हाथ में लेकर उसे सहलाने लगी। अब मेरा छोटा सा लंड 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा हो गया था और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी थी। फिर मैंने भी उसका सिर पकड़ कर उसका मुँह मेरे लंड के टोपे पर रख दिया और अब वो भी मेरे लंड को चूसने लगी कि जैसे कोई बच्चा लॉलीपोप चूस रहा हो। अब मेरी हालत तो ख़राब होती जा रही थी और थोड़ी देर बाद में झड़ गया और सारा वीर्य मैंने बेड पर गिरा दिया। फिर वो मेरे ऊपर लेट गई।
अब मेरी बारी थी। फिर मैंने भी उसको लेटाया और उसकी टांगे फाड़कर बीच में सिर डालकर उसकी चूत को देखने लगा। अब उसकी चूत के लिप खोलने पर पिंक कलर की चूत और वो भी पानी से भरी हुई देखकर मेरा लंड फिर से जोश में आ गया। फिर मैंने अपनी बीच की उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो डर के कारण चीख पड़ी और मेरा हाथ पकड़ लिया। फिर मैंने अपनी उंगली निकाल कर अपनी जीभ से उसकी चूत की मालिश शुरू कर दी, तो उसने जोर-जोर से सिसकियाँ और मौन करना स्टार्ट कर दिया और अब उसकी चूत से चूत का रस भी बाहर आ रहा था और थोड़ी देर बाद उसकी चूत से सारा माल बाहर आ गया। फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी। उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी और आज तो उसने चूत की शेविंग भी की थी, ताकि में चिकनी और कोमल चूत का मजा ले सकूँ।
अब में उसकी टांगो को जितना फैला सकता था उतना फैलाया और मेरे लंड का टोपा उसकी चूत पर रख दिया। अब वो डर रही थी कि इतना मोटा लंड वो झेल पायेगी कि नहीं, फिर में अपने लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा। अब वो भी अपनी आँखे बंद करके ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी और अब मेरे लंड का टोपा बिल्कुल लाल हो चुका था। फिर मैंने भी थोड़ा सा हाथ के सपोर्ट से अपने लंड को उसकी चूत के छेद के ऊपर टिकाया और उसकी टांगो को ज़ोर से पकड़ा और एक ज़ोर का झटका मारा तो अब मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में जा चुका था और सुधा की चीख और तड़प से में भी घबरा गया। फिर में भी उसकी टांगे छोड़कर उसके ऊपर जाकर लेट गया और अपने हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा और अपने होंठो से उसके होंठ चूसने लगा। अब उसकी आँखो से आसूं निकल रहे थे और फिर मैंने 2 मिनट तक कुछ नहीं किया। फिर उसने ही नीचे से थोड़ा सा धक्का लगाया तो अब में समझ गया कि इसे नहीं दर्द नहीं हो रहा है, तो मैंने भी एक दूसरा ज़ोर का झटका लगाया तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था और मैंने उसके होंठो को चूमना नहीं छोड़ा।
फिर धीरे-धीरे सुधा भी नीचे से धक्के देने लगी, क्योंकि उसे भी मेरे लंड का स्वाद पसंद आने लगा था और हमने खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाते हुए चुदाई की और 15 मिनट तक ऐसे ही धक्को का सिलसिला चलता रहा। तभी मुझे मेरे झड़ने का एहसास होने लगा और मैंने अपना सारा माल सुधा की प्यारी चूत में ही डाल दिया। फिर जब में उठा तो मैंने देखा कि बेडशीट और मेरा लंड खून से भीगे थे और उसकी चूत से मेरा माल और खून निकल रहा था और वो देखने लायक था। सफ़ेद-लाल कलर का पानी सुधा की चूत से निकल रहा था। फिर मैंने उसकी चूत को उसकी स्कर्ट से साफ किया और शाम तक 3 बार चुदाई की। अब सुधा ने चुदते टाईम कहा कि इतना प्यारा लंड कब से उसके इतने पास था, लेकिन मिला ही नहीं। अब में भी उसकी चूत से संतुष्ट था, वैसे अब हमें जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई करते है, लेकिन अब सुधा को इतनी तकलीफ़ और शर्म नहीं आती ।।
धन्यवाद …