हैल्लो दोस्तों, में दीनू सबसे पहले सभी चूत वालियों और लंड वालों को धन्यवाद देता हूँ antarvasna Kamukta Hindi Sex Stories क्योंकि मेरी पिछली कहानियां लोगों को काफ़ी पसंद आई, जिससे आप लोगों ने मुझे और सत्य कथा लिखने का हौसला दिया, इसलिए में फिर से आप लोगों के सामने अपनी एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हूँ। मुझे आशा है कि मेरी पिछली कहानियों की तरह यह कहानी भी आप लोगों को बहुत पसंद आएगी। जैसे कि आप सब जानते हैं कि में एक सरकारी कर्मचारी हूँ और आये दिन दफ्तर के काम से मुझे मुंबई से बाहर जाना पड़ता है।
फिर एक दिन मुझे काम के सिलसिले में कुछ महीनों के लिए उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव में जाना पड़ा। मेरा एक दोस्त उसका गाँव भी वहीं पर था तो उसने कहा कि यार दीनू तुम वहाँ जाकर मेरे घर पर रह लेना, वहाँ मेरा पूरा परिवार है तो तुम्हारा मन भी लग जाएगा, वैसे भी में करीब 2 साल से गाँव नहीं गया हूँ, सिर्फ़ फोन पर ही बातें होती है और तुम जितने दिन वहाँ रहोंगे, उन्हें संभाल भी लोगे। फिर मैंने कहा कि ठीक है और उसने तो मेरे आने की सूचना गाँव में अपने परिवार को दे दी थी। फिर जब में वहाँ पहुँचा तो उन्होंने मेरा बहुत जोरदार स्वागत किया। उनके परिवार में दोस्त की माँ, दोस्त के बड़े भाई की बीवी और दोस्त की वाईफ थी, उनके नाम, उम्र और शरीर की खूबियाँ निम्नलिखित है।
फूलवंती = दोस्त की माँ, उम्र करीब 48 साल, मोटी, बड़े-बड़े चूतड़ और बड़े बूब्स वाली सेक्सी महिला है (विमला और बीना की सास) और इनके पति का देहांत दोस्त के पैदा होने के कुछ ही महीनों के बाद हो गया था।
विमला = दोस्त के बड़े भाई की बीवी है, वो करीब 30 साल की है, वो थोड़ी साँवली सी और भरे-भरे चूतड़ और बड़े बूब्स वाली मध्यम कद की महिला है, (बीना की जैठानी) इसका पति 3 साल के कांट्रेक्ट पर दुबई में काम कर रहा है।
बीना = दोस्त की वाईफ, उम्र करीब 24 साल, ना ज़्यादा मोटी ना ज़्यादा पतली, सुंदर नयन नक्श वाली महिला थी। (विमला की देवरानी)
राजा = यह उनके घरेलू कुत्ते का नाम है, वो भी मोटा ताज़ा कुत्ता था, यानि उस घर में दोस्त के परिवार के केवल 3 सदस्य रहते थे, देवरानी, जैठानी और सासू माँ और उनका पालतू कुत्ता।
अब कुछ ही दिनों में में इस परिवार में खूब घुल-मिल गया था। में दोस्त की माँ को चाची कहकर बुलाता था और विमला, बीना को भाभी कहकर बुलाता था, वो लोग भी मुझे इस घर का ही सदस्य समझते थे। उस दिन शनिवार था और मेरी छुट्टी थी तो में घर पर ही था तो इतने में चाची आई और बोली कि दीनू बेटा शाम को तुम और विमला बहु शहर जाकर कुछ सामान ले आओ और सामान की लिस्ट विमला के पास है। फिर मैंने कहा कि ठीक है और करीब 4 बजे हम घर से निकले और शहर गाँव से करीब 50 किलोमीटर दूर था, यानि कि करीब 1 घंटा बस में सफ़र करना था। अब जाते वक्त हमें बस में खाली सीट मिल गयी थी। अब विमला भाभी खिड़की के पास बैठी थी और में उनके बगल में बैठा था। अब हवा के कारण विमला भाभी को नींद आने लगी और वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर सो गयी।
फिर जब शहर आया तो मैंने उन्हें जगाया और हम करीब 5 बजे शहर के मार्केट पहुँचकर सामानों की खरीदारी करने लगे। फिर मैंने भी 1 विस्की की बोतल खरीदी और करीब 7 बजे हमने बस पकड़ी। अब बस में इतनी भीड़ थी कि हमें खड़े-खड़े सफ़र करना पड़ा। अब में विमला भाभी के पीछे खड़ा था और अब बस के धक्को से उनके चूतड़ के बीच की दरार बार-बार मेरे लंड पर रगड़ मार रही थी, जिस कारण मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था। जब मैंने कुर्ता पजामा पहना था, इसलिए मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड उनके चूतड़ की दरार में खड़ापन दिखा रहा था। अब मेरे लंड के खड़ेपन को अपने चूतड़ की दरार में महसूस करते ही विमला भाभी ने एक बार पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। अब थोड़ी देर के बाद वो खुद अपने चूतड़ से मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी। अब में समझ नहीं पा रहा था कि बस के धक्को के कारण ऐसा हो रहा है या वो जानबूझ कर ऐसा कर रही है।
खैर फिर हम करीब रात 8 बजे घर पहुँचे। अब विमला और बीना रसोई घर में थी और में छत पर आकर विस्की पीने लगा और 2-3 पेग पीने के बाद में नीचे उतरा। फिर थोड़ी देर के बाद हम सबने खाना खाया और कुछ देर आँगन में बैठकर बातें करने लगे। फिर करीब 11 बजे चाची और बीना भाभी को नींद आने लगी तो वो लोग अपने अपने कमरे में जाकर सो गयी। अब में और विमला भाभी ही आँगन में बैठकर बातें कर रहे थे। अब में केवल लूंगी और बनियान पहनकर कुर्सी पर बैठा था और विमला भाभी जमीन पर बैठी थी। फिर मैंने उनके पति के बारे में पूछा और कहा कि वो कब से दुबई गये है? तो वो बोली कि 2 साल हो गये है। फिर मैंने बातों को आगे बढ़ाते हुए पूछा कि विमला भाभी जी क्या आप लोग परिवार नियोजन करते है, जो इतने सालों से आपको कोई भी औलाद नहीं हुई? तो विमला भाभी बोली कि नहीं रे दीनू, हमने काफी मन्नते माँगी, काफ़ी मंदिरों में माथा टेका, लेकिन अभी तक हमें संतान नहीं हुई, बस यही गम मुझे खाए जा रहा है। फिर मैंने पूछा कि क्या आपने और भाई साहब ने चैकअप कराया?
फिर भाभी बोली कि हाँ दीनू, लेकिन लेडी डॉक्टर ने तो मुझमें कोई भी खराबी नहीं बताई, 1 मिनिट रूको में अभी आती हूँ कहकर वो उठकर अपने कमरे में गयी और कुछ देर के बाद अपने हाथ में एक पर्चा लाकर कहा कि तुम तो पढ़े लिखे हो, ज़रा यह रिपोर्ट तो पढ़कर बताओ इसमें क्या लिखा है? तो में रिपोर्ट अपने हाथ में लेकर पढ़ने लगा और वो मेरे सामने अपने दोनों पैर के घुटने ऊपर करके जमीन पर बैठ गयी और लगातार मुझे देखते हुए बोली कि यह उनके टेस्ट की रिपोर्ट है, इसमें क्या लिखा है? में जब भी उनसे पूछती हूँ तो वो कहते है कि कोई खराबी नहीं है। फिर मैंने कहा कि भाभी जी मुझे बताते हुए थोड़ी शर्म आ रही है, लेकिन वैसे कोई खास बात नहीं है। फिर भाभी बोली कि दीनू शरमाओ मत निसंकोच मुझे सही-सही बताओं, तुम्हें मेरी कसम है। फिर मैंने कहा कि भाभी जी इसमें लिखा है कि भाई साहब का वीर्य बहुत पतला है और अगर नियमित रूप से इलाज कराए तो वीर्य ठीक हो जाएगा। फिर ये सुनकर भाभी जी अपना सर झुकाते हुए बोली कि मुझे पहले से ही शक था, क्योंकि मैंने कई बार महसूस किया है कि उनका वीर्य पानी जैसा पतला है और वो जल्दी ही खल्लास हो जाते थे।
फिर हम इस विषय पर बातें करने लगे और अब में उन्हें समझाता जा रहा था। अब जब में उन्हें समझाता था तो तब भाभी बीच-बीच में कभी अपने चूतड़ या कभी अपनी चूत को साड़ी के ऊपर से खुजलाती रहती थी। फिर मैंने महसूस किया कि हमारी बातचीत से वो अंदर ही अंदर गर्म हो रही है, क्योंकि उनके होंठ सूख रहे थे और उनकी आँखो में भी वासना की भूख साफ़-साफ़ दिख रही थी। अब वो इस तरह बैठी थी कि उनके घुटने ऊपर उठे हुए थे और साड़ी घुटनों से थोड़ी ही नीचे थी। फिर उन्होंने अचानक से अपने पैरों के घुटने फैलाकर साड़ी के अंदर अपना हाथ डाला और अपनी चूत खुजाने लगी। फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ विमला भाभी जी? तो वो बोली कि पता नहीं शहर से आते वक्त कोई कीड़ा मेरे बदन पर चिपका था, जिस कारण काफ़ी खुजली हो रही है और यह कहते हुए उसने अपना हाथ साड़ी से बाहर निकालकर अपनी गांड साड़ी के ऊपर से ही खुजाने लगी।
अब में उसकी बातों से और इस हरकत से समझ गया था कि वो अपनी चूत में मेरा लंड लेना चाहती है। फिर मैंने हिम्मत करके कहा कि विमला भाभी जी मेरे पास स्पेशल मलहम है, अगर आप खुजली मिटाना चाहती हो तो में लगा देता हूँ? फिर वो बोली कि हाँ दीनू बहुत खुजली हो रही है, तुम मुझे मलहम ला दो तो में लगा लूँगी? फिर में बोला कि भाभी जी इस मलहम को लगाने का तरीका अलग तरह से है, इसे मुझे ही लगाना पड़ेगा, क्योंकि लगाने का तरीका आप नहीं जानती है। फिर वो बोली कि अच्छा बाबा तुम ही लगा देना। फिर में बोला कि ठीक है आप अपने कमरे में जाकर सो जाओ, में मलहम लेकर आता हूँ और यह कहकर में अपने कमरे में गया और वो अपने कमरे में चली गयी। फिर में अपने कमरे से वैसलिन की डिब्बी लेकर उसके कमरे में गया तो वो पलंग पर अपने पेट के बल अपनी आँखे बंद करके लेटी थी।
फिर मैंने कहा कि भाभी जी बताइए कहाँ पर खुजली हो रही है? फिर वो बोली कि तुमने तो देखा था कि में कहाँ-कहाँ खुजा रही थी? तो में बोला कि वो तो ठीक है, लेकिन ज़्यादा खुजली कहाँ पर हो रही है आगे या पीछे? तो वो बोली कि दोनों तरफ। फिर में बोला कि विमला भाभी जी फिर तो तुम्हें साड़ी ऊपर करके वो जगह दिखानी होगी, जहाँ पर खुजली हो रही है। फिर वो बोली कि मुझे शर्म आ रही है पहले तुम लाईट बंद कर दो। फिर मैंने ट्यूब लाईट बंद की और नाईट लेंप जलाकर जब वापस आया तो मैंने देखा कि अब भाभी अपनी आँखे बंद करके अपनी पीठ के बल लेटी थी। फिर मैंने कहा कि विमला भाभी साड़ी ऊपर करके जहाँ खुजली हो रही है, वो जगह दिखाओ। फिर भाभी ने अपनी साड़ी के ऊपर से ही अपनी चूत पर हाथ रखते हुए कहा कि यहाँ पर ज़्यादा खुजली हो रही है और तुम ही साड़ी ऊपर करके मलहम लगा दो। फिर जब में उनकी साड़ी और पेटिकोट को उनकी कमर के ऊपर ले जाने लगा तो विमला भाभी ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठा दी, जिस कारण उनकी साड़ी और पेटीकोट आराम से कमर के ऊपर तक हो गये, उन्होंने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी।
फिर जब मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाकर उनकी चूत को देखा तो देखता ही रह गया, उनकी चूत शेव की हुई थी, उनके चूत का दाना थोड़ा बड़ा था। फिर मैंने अपनी बीच की उंगली पर थोड़ा थूक लगाया और उनकी चूत की फांको पर अपनी उंगली फैरने लगा। अब उनके मुँह से आहहा सी सी सी की आवाज़े निकलने लगी थी। अब उनका हाथ मेरी लूंगी के ऊपर से ही मेरे लंड को टटोल रहा था। अब में धीरे- धीरे उनकी चूत के दाने को भी मसलने लगा था, जिससे वो और भी गर्म हो गयी थी। फिर में पलंग से उतरा और अपनी लूंगी और अंडरवियर निकालकर नंगा ही उनके पास गया और उनके हाथ में मेरा लंड पकड़ा दिया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर जब उसने मेरे लंड को देखा तो उसकी आँखों फटी की फटी रह गयी और बोली कि बाप रे दीनू तुम्हारा लंड तो बहुत ही बड़ा और मोटा है और यह कहकर मेरे लंड को अपनी हथेली में पकड़कर मेरे लंड की चमड़ी को नीचे की तरफ करके सुपाड़े पर से घूँघट निकाल दिया और सुपाड़े को देखकर बोली कि दीनू तुम्हारा सुपाड़ा तो काफ़ी मोटा है और फिर वो मेरे लंड को ऊपर नीचे सहलाने लगी। अब में भी उसके ब्लाउज और ब्रा को खोलकर उनके एक बूब्स की निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उनके दूसरे बूब्स को दबाने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद में खड़ा होकर मेरा लंड उसके मुँह के पास ले गया, तो वो तुरंत अपना मुँह खोलकर पागलों की तरह मेरा लंड चाटने लगी और लॉलीपोप की तरह अपने मुँह से चूस रही थी। अब उसकी इस अदा से में तो जैसे स्वर्ग में था। अब में उसके सर को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा था। फिर लगभग 10 मिनट के बाद हम लोग 69 की पोज़िशन में आ गये। फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, तो वो तड़प उठी और बोली कि नहीं दीनू नहीं आह में मर जाऊंगी और वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
अब मुझे उसकी चूत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी। फिर मैंने उसकी गांड में भी अपनी एक उंगली डाल दी तो वो दर्द से चीख पड़ी और बोली कि ऐसा मत करो प्लीज बहुत दर्द होता है। फिर में अपनी उंगली उसकी गांड से बाहर निकालकर सिर्फ़ उसकी गांड के छेद को सहलाने लगा। अब उसे बहुत मज़ा और नशा हो रहा था। अब हम लोग लगभग 15 मिनट एक दूसरे को इसी तरह छेड़ते रहे। फिर इतने में उसकी चूत थोड़ी सिकुड़ने लगी। अब में समझ गया था कि वो झड़ने वाली है तो में अपनी जीभ उसकी चूत में तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा। फिर वो अपने दाहिने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर चूसते हुए अपना बायाँ हाथ मेरे सर पर रखकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ ही पल में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, उसका पानी बहुत टेस्टी था। फिर मैंने उसे सीधा करके लेटाया और उसके लिप्स और बूब्स को किस करने लगा तो उसके बूब्स लाल हो गये थे। फिर वो बोली कि दीनू अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, प्लीज कुछ करो, में मर जाऊंगी।
फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया तो उसकी चूत एकदम ऊपर उठ गयी। फिर मैंने प्यार से उस पर अपना हाथ फैरा तो वो आहें भरने लगी, आआआआहहहहहह, उउउफ्फ चोदो मुझे, जल्दी चोदो आआआ आअहहहह। अब में भी पूरा गर्म हो चुका था और अब मेरे बदन का रोया-रोया खड़ा हो गया था। फिर मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर रखा, तो उसने अपनी टाँगो को और फैला दिया। उसकी चूत मेरे लंड के मुकाबले थोड़ी टाईट लग रही थी, लेकिन उसकी चूत गीली होने से कारण जब मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा सुपाड़ा और थोड़ा सुपाड़े के नीचे का हिस्सा उसकी चूत में घुस गया और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो मुझे उसकी चूत की दीवारे टाईट महसूस हुई। फिर इतने वो थोड़ा दर्द के मारे कहने लगी, आआहह में मर गयी रे, थोड़ा धीरे-धीरे चोदो, क्योंकि आज तक मेरी चूत ने इतना लंबा और मोटा लंड नहीं खाया है, इसलिए थोड़ा धीरे-धीरे चोदो। फिर में उसकी चूत में थोड़ी देर तक अपना लंड डाले पड़ा रहा और उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और उसके लिप्स को अपने मुँह में ले लिया।
फिर जब वो थोड़ी देर में शांत हो गयी तो मैंने एक और झटका मारा तो मेरा लंड आधे से ज्यादा उसकी चूत में जा चुका था। फिर वो दर्द के मारे मचल उठी, आआहह छोड़ दो मुझे, बाहर निकालो इसे आआआआआआहहहहह। अब में जोश में था और फिर मैंने अपनी कमर को उठाया तो मेरा लंड थोड़ा बाहर आ गया। फिर मैंने चोदना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बाहर जाने से उसे थोड़ी राहत मिलनी शुरू हुई और वो भी मज़ा लेने के साथ-साथ कहराने लगी, आआहहह आहहहह सस्स्स्स्स्स्सस्स और ज़ोर से करो जान, आआआआ सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अयाया मार डालो मुझे, आआआआआहहा हहह। फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी कसी-कसी चूत में फिट हो गया और अब मुझे उसकी चूत की जकड़न और सिकुड़न महसूस हो रही थी।
फिर मैंने भाभी को तेजी से चोदना चालू किया। अब मेरे हर धक्के पर वो नीचे से अपनी गांड उछाल- उछालकर मेरा साथ देने लगी थी। फिर करीब 10-12 धक्को के बाद उसकी चूत फूली और सिकुड़ी और वो झड़ने लगी। अब उसकी चूत के रस से मेरा लंड तरबतर हो गया और जब में अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था तो पूरे कमरे में पूच-पूच की आवाज़े आने लगी थी। अब में फटाफट- फटाफट अपना लंड उसकी चूत की गहराई तक डाल रहा था। अब चुदाई की आवाज़ से और उस माहौल से वो फिर से गर्म हो गयी और मेरा साथ देने लगी थी और 10-12 धक्को के बाद वो फिर से झड़ गयी। अब में भी मस्ती में आ चुका था तो मैंने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी।
अब वो भी कराह रही थी, आआआ सस्स्स्स्साआआआ, ऊऊहह दीनू वाकई में आज तक मेरी चूत इस तरह से कभी नहीं चुदी, क्या शानदार चुदाई करते हो दीनू? उफफफ्फ़ आआआआहह सस्शहहहा करते रहो मेरे दीनू और ये कहकर उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को पूरी तरह से जकड़ लिया और मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगी। अब में भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका था और में ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा। फिर कुछ देर के बाद में झड़ने लगा और मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में आखरी बूँद तक डालकर ऐसे ही कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा। फिर जब मैंने अपना आधा सिकुड़ा हुआ लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसकी चूत मेरे और उसके वीर्य से लबालब भरी हुई थी और थोड़ा-थोड़ा करके उसकी चूत से वीर्य उसकी गांड की तरफ बहने लगा था। फिर में उसके बगल में आकर लेट गया और वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर लेट गयी, उसका नंगा मुलायम शरीर सच में बहुत खूबसूरत लग रहा था।
अब हम दोनों की नींद तो गायब हो चुकी थी। फिर मैंने पूछा कि विमला भाभी क्या अब भी चूत में खुजली हो रही है? तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि दीनू यहाँ की तो खुजली मिट गयी है, लेकिन बस में यह तुम्हारा (मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़कर बोली) कीड़ा जहाँ पर लगा था, वहाँ पर अब भी खुजली मची है और यह कहकर वो मेरे लंड को सहलाने लगी और में भी उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी गांड पर अपना हाथ फैरने लगा। फिर करीब 10 मिनट तक हम लोग इसी तरह करते रहे और फिर जब मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया तो में पलंग से उतरकर वैसलिन लाया और उससे कहा कि चलो या तो घोड़ी बन जाओ या फिर पेट के बल लेटकर अपनी गांड फैला लो। फिर उसने पेट के बल लेटकर अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ो को पकड़कर फैला दिया, जिससे विमला भाभी की गांड का छेद और फैल गया। फिर मैंने बहुत सारा वैसलिन अपने लंड पर लगाया और विमला भाभी की गांड के छेद में भी लगा दिया। फिर मैंने धीरे से अपनी एक उंगली जो कि वैसलीन से भरी थी उनकी गांड में डाल दी, लेकिन उन्होंने उफ तक नहीं की। अब में समझ गया था कि विमला भाभी पहले भी गांड मरवा चुकी है।
फिर मैंने जोश में आकर उनकी गांड के छेद पर अपने लंड का सुपाड़ा रखकर थोड़ा सा दबाया तो चिकनाहट की वजह से मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी गांड में घुस गया और जैसे ही मेरा सुपाड़ा उनकी गांड में घुसा तो उन्होंने उूउउइईईईईईईई माँ कहते हुए अपनी गांड सिकुड़ ली, जिससे मेरा सुपाड़ा फिसलकर उनकी गांड के बाहर आ गया। फिर मैंने पूछा कि भाभी क्या बहुत दर्द हो रहा है? तो वो बोली कि हाँ दीनू मैंने कई सालों से गांड नहीं मरवाई है और उनका लंड भी तुम्हारे लंड के मुकाबले बहुत पतला और छोटा था। फिर थोड़ी देर तक में उनकी गांड को सहलाता रहा और उसके बाद उसकी कमर को उठाकर उसे घोड़ी की पोज़िशन में किया और एक बार फिर से अपने सुपाड़े को उसकी गांड के छेद पर रखकर थोड़ा दबाव दिया, तो मेरा सुपाड़ा आसानी से उसकी गांड के अंदर घुस गया, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी गांड नहीं सिकुड़ी। फिर मैंने उनकी कमर को पकड़कर एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड अंदर घुस गया और अंदर घुसते ही वो कहने लगी कि दीनू प्लीज़ निकालो इसे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने थोड़ी देर तक बिना हिले ऐसे ही मेरा लंड उसकी गांड में डाले रखा।
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनकी कमर पकड़कर ज़ोर का एक झटका मारा तो मेरा लंड उनकी गांड में जड़ तक घुस गया। अब उनकी आँखों में पानी आ गया था और वो रोने जैसी आवाज़ में बोली हाईईईईईई माँ मारररर डालाआआआआआआ रे, हाईईईई फाड़ दी रे मेरी गांड। फिर जब वो थोड़ी शांत हुई तो में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। अब उसे दर्द नहीं हो रहा था बल्कि मज़ा आ रहा था और वो मज़े में कहने लगी कि मार दीनू मार मेरी गांड, फाड़ दे रे आज इस गांड को, वाह क्या मारते हो? मज़ा आ रहा है। अब मुझे भी उसकी कसी-कसी गर्म-गर्म गांड में अपना लंड अंदर बाहर करने में बहुत मज़ा आ रहा था। अब करीब 15 मिनट के बाद उसकी गांड मेरे वीर्य से लबालब भर गयी थी। फिर जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मेरा लंड फच की आवाज़ करता हुआ बाहर निकल गया और उसकी गांड से वीर्य की धारा चूत की तरफ बढ़ने लगी।
फिर मैंने कपड़े से उसकी गांड और चूत को साफ किया और उसने कपड़े से मेरे लंड को साफ किया और बोली कि दीनू अब तुम अपने कमरे में जाकर सो जाओ नहीं तो सासू माँ और देवरानी को शक हो जाएगा, तो में अपने कमरे में आकर सो गया। अब सुबह जब हम सब नाश्ता कर रहे थे तो विमला भाभी हमेशा से ज़्यादा खुश नज़र आ रही थी ।।
धन्यवाद …