Antarvasna-Kamukta

मारवाड़ी आंटी चोदकर अपना माल पिलाया

हैल्लो दोस्तों, में विशाल फिर से एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ antarvasna Kamukta Hindi Sex Stories ये कहानी मेरे घर से थोड़ी दूर एक मारवाड़ी आंटी की है, उनकी उम्र 44 साल है और उनका नाम मधु है, वो साईज़ में मोटी से भी ज्यादा मोटी है, उन्हें कोई भी एक बार देख ले तो 24 घंटे तक उसको ही चोदे। ये बात 10 मार्च 2016 की है और मेरे घर से थोड़ी दूरी पर एक मारवाड़ी आंटी रहती है, उनका नाम मधु है, उनका साईज़ मस्त 40 का बूब्स, उनकी चूत पर बहुत बाल है, उनकी गांड 50 की होगी। उनके एक बेटा और एक बेटी है। उनका बेटा अपनी जॉब पर है और उनकी बेटी की शादी हो गयी है और उनके पति की अपनी एक शॉप है। उनके घर के पास फ़ास्ट फूड की दुकान थी, तो में वहाँ हफ्ते में एक दिन जाता था। फिर एक दिन जब में अपनी बाईक पार्क कर रहा था तो मैंने उस आंटी को देखा तो वो अपने पति के साथ जा रही थी। अब सब लोग आंटी को देख रहे थे, क्या मोटी गांड वाली आंटी गोरी भी है? अब मेरा लंड उन्हें देखते ही खड़ा होने लगा था।

फिर मैंने अपने ध्यान को दूसरी जगह स्थिर किया और फ़ास्ट फूड की दुकान में चला गया। अब शाम के 6 बज रहे थे। फिर मुझे मेरे घर से फोन आया कि मेरे चाचा जी आए है, नाश्ता लेकर आओ। फिर में निकला और फ़ास्ट फूड की दुकान के पास में ही एक मिठाई की दुकान है तो उसमें गया और कुछ मिठाई और कुछ नमकीन लिए। फिर जैसे ही में बिल देकर बाहर निकला तो तभी मैंने देखा कि आंटी अंदर आ रही है, क्या बड़े-बड़े बूब्स थे उनके? फिर मैंने सोचा कि इनके बूब्स से ही मिठाई बनती होगी। फिर आंटी ने मेरी तरफ अपना चेहरा किया और एक स्माईल दी तो मैंने भी उन्हें स्माईल दे दी और अपने घर चला गया। फिर में घर पर मम्मी को मिठाई के पैकेट देकर अपने रूम में चला गया और अब मुझे नींद आने लगी थी तो में थोड़ी देर सो गया।

फिर मम्मी ने मुझे करीब 9 बजे उठाया और कहा कि चल खाना खा ले, तो में उठा और खाना खाकर फिर से अपने रूम में आ गया और अपने बेड पर लेट गया। तभी आंटी के बूब्स मेरी आँखो के सामने आ रहे थे। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा, उफ़फ्फ़ आंटी ऊऊ आंटी आहहहह आ आंटी। अब मेरा लंड टाईट हो गया था। फिर मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से हिलाया और करीब 15 मिनट के बाद मेरा माल ओह आंटी आ हाहहहाहा करके निकल गया। फिर मैंने अपने लंड को साफ किया और सो गया। फिर मेरी नींद सुबह 10 बजे खुली तो मेरा लंड फिर से मुझे दस्तक देने लगा था। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी को सोचकर थोड़ी देर तक अपना लंड हिलाया और फिर फ्रेश होने वॉशरूम में चला गया।

फिर मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया और बाहर चला गया। फिर मैंने आंटी के घर के बाहर बाईक पर बैठकर सोचा कि आंटी बाहर निकलेगी तो थोड़ा देखूँगा। फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने देखा कि आंटी पैदल आ रही है और उनके हाथों में एक बाज़ार वाला बैग था। तभी पीछे से एक गाड़ी आई और आंटी को कीचड़ मारकर चली गयी। अब आंटी की पूरी साड़ी पर कीचड़ लग गया था। फिर में दौड़कर गया और पूछा कि आंटी लगी तो नहीं ना। फिर आंटी ने कहा कि नहीं, लेकिन माहरो सब कपड़ो गंदा कर दियो। फिर मैंने कहा कि आप बैग मुझ दे दो, तो उन्होंने अपना बैग मुझे दे दिया। फिर वो अपनी साड़ी ठीक करके बोली कि माहरो बैग दो, तो मैंने कहा कि चलो ना आपको घर तक छोड़ देता हूँ। फिर हम एक साथ चल दिए। फिर उनके घर पहुँचकर उन्होंने कहा कि बैठो, तो मैंने कहा कि नहीं आंटी ठीक है। फिर वो बोली अरे कोई बात नहीं बेटा बैठो, तो में डाईनिंग रूम में बैठ गया। फिर आंटी बोली कि रूको में अभी चेंज करके आती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है।

फिर आंटी अपनी गांड मटकाते हुए अपने रूम में चली गयी। फिर करीब 5 मिनट के बाद में उठकर आगे बढ़ा तो वहाँ एक रूम था। फिर मैंने रूम के अंदर देखा तो मैंने जो नज़ारा देखा वहाँ कोई भी रहता तो उन्हें चोदना शुरू कर देता। अब आंटी पूरी नंगी थी, क्या बड़ी-बड़ी गांड थी उनकी? अब मेरे देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगा था। फिर मैंने अपनी पेंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाला और जोर-जोर से हिलाने लगा, उफ़फ्फ़ आहा आ क्या नजारा था आहा आहाहाहा? फिर मैंने करीब 5 मिनट तक जल्दी-जल्दी अपना लंड हिलाकर मेरा सारा माल आंटी के घर की दीवार पर फेंक दिया और वापस आकर फिर से डाइनिंग रूम में बैठ गया। फिर थोड़ी देर के बाद आंटी आई और कहा कि क्या पिओगे चाय या नीबू पानी? तो मैंने कहा कि आंटी बहुत गर्मी है तो नीबू पानी दो। फिर आंटी किचन में गयी और नींबू पानी लेकर आई। अब उनका क्लीवेज सामने से देखकर तो मेरे बदन में वासना जाग उठी थी।

फिर मैंने आंटी से बातें की, कहाँ रहेते हो वगेरह वगेरह? फिर मैंने पूछा कि आपके घर में कौन-कौन है? तो उन्होंने कहा कि एक बेटा है, जो जॉब करता है और सुबह 9 बजे जाता है और शाम को 6 बजे आता है और बेटी की शादी हो गयी और पति शॉप पर है, वो भी सुबह 8 बजे निकल जाते है। फिर मैंने ओके कहा। फिर मैंने सोचा कि आंटी को सिड्यूस करूँ, लेकिन फिर मैंने सोचा कि नहीं बाद में करूँगा। फिर मैंने कहा कि आंटी अब में चलता हूँ, तो आंटी ने कहा कि ठीक है और फिर में अपने घर आ गया। अब मुझे रातभर बेचैनी सी होने लगी थी कि कैसे चोदूं? और सुबह उठकर फ्रेश होकर आंटी के घर के बाहर चला गया। फिर मैंने देखा तो आंटी कचरा फेंकने आई थी। फिर आंटी ने मुझे देखा और कहा कि कहाँ जा रहे हो? तो मैंने कहा कि बस आपके इधर ही आया था। फिर आंटी ने कहा कि तो अंदर आओ। फिर में खुश होकर आंटी के घर के अंदर गया तो अंदर और कोई नहीं था।

अब मैंने सोच लिया था कि आज तो चोदूंगा ही। अब आंटी किचन में खाना बना रही थी और में उनसे बातें कर रहा था। अब मैंने उन्हें सिड्यूस करने का सोचा। फिर मैंने कहा कि आंटी आप मसाज करवाती हो क्या? तो आंटी ने कहा कि हाँ हफ्ते में एक दिन करवाती थी, लेकिन अभी मसाज वाली की तबीयत खराब है। फिर मैंने कहा कि आंटी बुरा ना मानो तो में आपकी मसाज कर दूँ, तो आंटी हंसी और बोली कि ठीक है, कितने पैसे देने होंगे? तो मैंने कहा कि कोई पैसा नहीं बस आप मुझे जब भी आऊं तो मारवाड़ी खाना खिलाना, तो उन्होंने कहा कि ठीक है। फिर मैंने कहा कि चलो, तो उन्होंने कहा कि रूको थोड़ा खाना बना लूँ। फिर आधे घंटे के बाद आंटी ने खाना बना लिया और फिर हम दोनों रूम के अंदर चले गये। फिर आंटी ने ए.सी. चालू किया और बाथरूम में जाकर गाउन पहनकर आई, उफफफफ्फ़ क्या लग रही थी वो? अब मेरा दिल तो कर रहा था कि उन्हें पूरा नोचकर खा जाऊं, लेकिन मैंने अपने आप पर थोड़ा कंट्रोल किया। फिर आंटी बोली कि पहले क्या करोगे पैर या बदन? तो मैंने कहा कि पैर से शुरू करता हूँ। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने तेल लिया और उनके गाउन को उनकी जांघो के थोड़ा ऊपर किया। फिर मैंने ऑयल लगाकर धीरे-धीरे मसाज करना चालू किया, वाऊ क्या मोटी-मोटी, गोरी-गोरी जाँघे थी। अब मसाज करते- करते मेरा हाथ थोड़ा ऊपर उनकी चूत के पास गया। फिर मैंने जैसे ही अपना हाथ रखा तो मुझे हल्का सा एक करंट सा लगा, उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे। फिर आंटी को एहसास हुआ तो उन्होंने अपना गाउन थोड़ा नीचे कर दिया। फिर आंटी बोली कि तुम बहुत अच्छी मालिश करते हो, तुम्हारे हाथों में अच्छा ज़ोर है। फिर आंटी बोली कि तुम यही काम करते हो क्या? तो मैंने कहा कि नहीं आंटी मुझे मसाज करना अच्छा लगता है। फिर आंटी बोली ओह और हँसने लगी और अब में ऑयल मलने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने देखा तो आंटी सो रही है। फिर मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और उनका गाउन उनकी चूत तक ऊपर कर दिया तो मैंने देखा कि उफ़फ्फ़ उनकी चूत पूरी बालों से ढकी हुई थी और मोटी थी।

अब ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने सोचा कि उनकी चूत में अपना लंड घुसा देता हूँ, जो होगा देखा जाएगा। फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और आंटी के दोनों पैर पूरे फैला दिए और धीरे-धीरे मालिश करता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो में उठा और अपना लंड आंटी की चूत के छेद पर रखा और ज़ोर से घुसा दिया। अब मेरे लंड पर भी दर्द होने लगा था। फिर मैंने अचानक से अपना लंड आंटी की चूत में पूरा घुसा दिया तो आंटी उठ गयी और बोली कि ये क्या है? तो में झट से आंटी के ऊपर सो गया और अपने लंड से आंटी की चूत को चोदने लगा। फिर आंटी बोली कि ये क्या हो रहा है उठो? तो मैंने कहा कि आंटी आपकी मालिश करते-करते आपकी चूत को देख लिया तो मुझसे रहा नहीं गया, आंटी प्लीज मुझे चोदने दो।

फिर आंटी बोली कि अरे पागल हो क्या? और मना करने लगी, लेकिन मैंने उनकी एक नहीं सुनी और उनके ऊपर ही लेटा रहा और गपागप अपना लंड पेलता रहा। फिर आंटी बोली कि ये ठीक नहीं है उठो, अरे छोड़ो ना क्या कर रहे हो? आ हहहा लग रहा है, उउई आहहा उठो ना, लेकिन मैंने आंटी की एक भी नहीं सुनी। अब में आंटी के होंठ चूसने लगा था और खूब जोर-जोर से अपना लंड पेल रहा था, गप गप गप गप आहाहा आंटी आप में बहुत मज़ा है, ऊऊऊ आंटी आ हाहहहाहा बहुत मज़ा आ रहा है। फिर आंटी बोली कि ये सब क्यों कर रहे हो? मुझे मालूम होता कि तुम्हारी नियत गंदी है तो में तुम्हें कभी घर में नहीं बुलाती। फिर मैंने कहा कि आंटी मैंने आपको जब से देखा है, मेरा तब से बहुत चोदने का मन करता है, ऊऊओ आंटी आहा। अब आंटी की भी चूत थोड़ी गीली हो रही थी। अब करीब 20 मिनट से लगातार चुदाई चल रही थी और फिर उसके बाद मेरा माल झड़ गया, ऊऊमाआ आंटी आअहहहह आंटी। अब में आंटी के दोनों बूब्स को दबाए और गप गप, छप छप अपना लंड पेल रहा था।

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने आंटी की चूत में ही अपना सारा माल गिरा दिया। आंटी आहा आहा बहुत मज़ा आया। फिर में उठा और अपना लंड बाहर निकाला। फिर मैंने आंटी की चूत की तरफ देखा तो मेरा माल आंटी की चूत में से बाहर निकल रहा था। फिर आंटी उठी और बोली कि ऊफ गंदा कर दियो माहरो, तू बहुत बदमाश छोरा है। फिर आंटी बाथरूम में गयी और फ्रेश होकर आई और फिर मेरे बगल में लेट गयी और बोली कि अब मालिश पूरी कर। फिर में उठा और आंटी के गाउन को पूरा खोलकर मज़े से आंटी की चूची की मालिश करने लगा। अब आंटी मौनिंग करने लगी थी और अब मेरा लंड फिर से फनफनाने लगा था। फिर मैंने आंटी की चूत में अपना लंड फिर से डाला और पेलने लगा। फिर आंटी बोली कि अभी तेरी हवस नहीं बुझी क्या? तो मैंने कहा कि नहीं आंटी और जोर-जोर से चोदने लगा।

अब करीब 10 मिनट के बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगी थी और बोलने लगी कि फाड़ दे माहरे भोसड़ो को, ज़ोर-ज़ोर से कर आहा मज़ा आयो और चोद आहा, मज़ा आयो, मारो को अब ठंडा कर तू और में आंटी को लगातार चोदे जा रहा था। अब आंटी भी अपनी गांड उठा-उठाकर खूब अंदर तक चुदवा रही थी। फिर आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद मेरा माल गिरने वाला था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के मुँह में दे दिया। अब वो मना करने लगी थी, लेकिन मैंने ज़ोर लगाया तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। फिर करीब 5 मिनट तक अपना लंड चुसवाने के बाद मेरा माल आंटी के मुँह में ही गिर गया और आंटी मेरा सारा माल पी गयी और मेरा लंड चूसती रही। फिर आंटी ने कहा कि चल माहरो भोसड़ा चाट, तो फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना मुँह लगाया तो वहाँ से उसका माल गिर रहा था, लेकिन फिर मैंने कुछ नहीं देखा और उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा। अब वो मज़े में अपनी चूत चटवाने लगी थी। फिर 10 मिनट तक में उसकी चूत को चाटता रहा और तब जाकर मेरे दिल को सुकून आया और फिर हम दोनों लेट गये।

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने आंटी से कहा कि आंटी पीछे घूमो मालिश कर देता हूँ। फिर आंटी पीछे घूम गयी। फिर पहले तो मैंने उनकी पीठ को खूब चूमा और तेल लगाकर मालिश की। फिर में उनकी गांड के पास आया और ज़ोर-ज़ोर से उनकी गांड को दबाया, ऊफ क्या बड़ी-बड़ी, गोरी-गोरी गांड थी। फिर मैंने उनकी गांड की भी मालिश करना शुरू किया। अब करीब 10 मिनट के बाद मुझे फिर से सेक्स चढ़ने लगा था। फिर मैंने आंटी की गांड फैलाई और उनकी गांड के छेद को चाटने लगा। अब आंटी मौनिंग करने लगी थी और बोलने लगी कि तू क्या-क्या करता है और कितना जानता है, बड़ा मज़ा दे रहा है चोदो आहा उई, तुझे जब मन करे मेरी मालिश करने आ जाना। अब उनकी गांड चाटते-चाटते मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था। फिर मैंने उनकी गांड के छेद पर ऑयल लगाया और थोड़ा अपने लंड पर भी लगाया और उनकी गांड के छेद पर रखकर अंदर पेला तो साला लंड अंदर नहीं जा रहा था। फिर आंटी बोली कि क्या हुआ? क्या कर रहा है? तो मैंने बोला कि आंटी अपनी गांड अपने दोनों हाथों से फैलाओ ना, में आपकी गांड चोदूंगा। फिर आंटी बोली कि नहीं रे छोरे बहुत लगेगा, तो मैंने कहा नहीं लगेगा, में धीरे-धीरे से करूँगा। फिर आंटी भी मान गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को फैलाया।

फिर मैंने उनकी गांड पर तेल लगाकर उसकी गांड को पूरा चिपचिपा कर दिया और उनकी गांड में अपना लंड पेला, तो उफ़फ्फ़ आहा करते-करते 5 मिनट में मेरा लंड आंटी की गांड में पूरा समा गया और आंटी चिल्ला उठी, छोरा ये बहुत मोटा है बाहर निकाल। फिर मैंने बोला कि रूको थोड़ी देर। फिर मैंने पेलना चालू किया, गप गप गप गप आहा मेरी आंटी। अब में उसके बाल पकड़कर मज़े में उसकी चुदाई कर रहा था और वो जोर जोर से मौनिंग कर रही थी, आहा और चोद मज़ा आयो। अब मैंने ये सुनकर अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी थी, ओफ़्फुऊऊफ्फ आंटी गप गप गप छप छप आहा साली क्या गांड है? ऊऊ आंटी, साली ले मेरा लंड पूरा अंदर, आहा ले ले ले उफफफफ्फ़। फिर मैंने करीब 15-20 मिनट तक आंटी की गांड को चोदा। अब मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने आंटी से कहा कि आह आ गया किधर निकालूं ऊऊफ़फ्फ उउफ्फ? तो आंटी बोली कि अंदर ही डाल दे। फिर मैंने आंटी को ज़ोर-जोर से चोदा और मेरा सारा माल उनकी गांड के अंदर ही निकाल दिया और फिर में उनकी गांड में अपना लंड डाले ही सो गया। फिर 10 मिनट के बाद में उठा तो मैंने देखा कि 3 बज रहे थे। फिर मैंने आंटी से कहा कि ठीक है आंटी, अब में चलता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि फिर कब आएगा? तो मैंने कहा कि देखता हूँ टाईम मिलते ही आता हूँ और बाय करके चला गया ।।

धन्यवाद …