Antarvasna-Kamukta

मधु आंटी की चूत का प्रसाद

हैल्लो दोस्तों, जब से मैंने अपनी मामी के साथ Antarvasna सेक्स किया है तब से में चूत का दीवाना हो गया हूँ? मेरे मन में रात दिन चूत का ही ख्याल रहता है, मेरा बस चले तो में उठते बैठते चूत की पूजा करूँ और उसी का प्रसाद खाऊँ इसलिए में आपको मेरे साथ हुई और एक घटना बताना चाहता हूँ। ये बात कुछ ही महीनों पहले की है, मेरे जन्मदिन पर माँ ने काफ़ी लोगों को डिनर पर इन्वाइट किया था और उन्होंने अपनी सबसे बेस्ट फ्रेंड मधु को भी बुलाया था। दोस्तों मुझे मधु आंटी बहुत पहले से ही बहुत पसंद है, में उनके फिगर का दीवाना हूँ। उनकी उम्र 36 साल है, लेकिन वो दिखने में बिल्कुल हॉट है, उनके पति सेक्यूरिटी ऑफिसर है और हमेशा उनकी नाईट ड्यूटी रहती है और आंटी के दो लड़के है, जो हॉस्टल में रहते है।

अब मेरे जन्मदिन की रात को खाना ख़त्म करते-करते 12 बज गये थे, इसलिए माँ ने मुझे आंटी को घर छोड़ने के लिए कहा, तो में तुरंत तैयार हो गया और अपनी बाईक पर आंटी को बैठाकर घर से निकल पड़ा। अब आंटी ने अपना एक हाथ मेरे कंधो पर रखा था जिस वजह से मेरा लंड पहले ही टाईट था। अब हम दोनों चुप थे और अब में धीरे-धीरे बाइक चला रहा था ताकि घर जाने में ज्यादा वक़्त लगे। फिर मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आप अभी घर पर अकेली रहती हो, आपको डर नहीं लगता क्या? तो उन्होंने कहा कि डर तो लगता है, लेकिन कर भी क्या सकती हूँ? तो इसी बीच मुझे स्पीड ब्रेकर दिखा और मैंने ब्रेक मारा, जिस वजह से आंटी मेरे पास आ गयी और उनके बूब्स मेरी पीठ पर ज़ोर से लगे। तो उस समय मुझे उनके बूब्स बड़े होने का एहसास हुआ, तो आंटी शरमा गयी और पीछे हो गयी।

फिर मैंने सॉरी कहा, लेकिन अब आंटी चुप थी, तो इतने में आंटी ने कहा कि तरुण तू अब बड़ा हो गया है, तुझे शायद याद नहीं होगा जब तू छोटा था तब तू सोने के लिए मेरे घर आता था। फिर मैंने कहा कि आंटी याद नहीं है और फिर मैंने जानबूझ कर फिर से ज़ोर से ब्रेक मारा तो आंटी फिर से मेरे पास आ गयी, लेकिन इस बार वो पीछे नहीं गयी और मुझसे चिपककर ही बैठी रही। फिर मैंने भी आंटी से कहा कि आंटी ठीक से पकड़कर बैठ जाइए रोड़ की हालत ठीक नहीं है और मुझे ब्रेक मारने पड़ रहे है। फिर ये सुनकर आंटी ने मुझे अपने हाथों से जकड़ लिया और धीरे से मुस्कुराने लगी। अब उनके बूब्स मेरी पीठ से चिपके हुए थे। फिर जैसे ही उनका घर आया, तो वो बाइक से उतर गयी और मेरे सामने खड़ी होकर देखकर मुस्कुराने लगी। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मुझे सेक्स के लिए न्योता दे रही थी। फिर इतने में आंटी ने मुझे रात को रुकने के लिए कहा, लेकिन मैंने मना कर दिया और मॉर्निंग में आऊंगा ये वादा करके अपने घर चला आया।

अब में घर आकर सारी रात अपनी आंटी के बारे में ही सोच रहा था कि इतने में मुझे लगभग 3 बजे आंटी का मैसेज आया कि में सुबह 7 बजे उनसे उनके घर पर मिलूं, क्योंकि उनके पति पुणे गये हुए थे। अब में खुश हो गया था और सुबहा 6 बजे उठकर तैयार हो गया और ठीक 7 बजे आंटी के घर पहुँच गया। अब आंटी सोइ हुई थी, तो मैंने जैसे ही बेल बजाई, तो वो उठ गयी और दरवाजा खोला, वो बहुत सेक्सी लग रही थी, उन्होंने पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी। फिर वो मुझे देखकर मुस्कुरा उठी और मुझे अंदर आने के लिए कहा। फिर मेरे अंदर आते ही उन्होंने दरवाजे के सारे लॉक लगा दिए और बाथरूम में फेस वॉश करने के लिए चली गयी। अब में सोफे पर बैठा था, तो कुछ देर के बाद आंटी बाहर आई और मुझे चाय के लिए ऑफर किया, तो मैंने भी हाँ कह दी। फिर आंटी चाय बनाने के लिए किचन में गयी, तो में भी उनके पीछे चला गया और उनके बगल में खड़े होकर उनसे बातें करने लगा और बातों- बातों में में आंटी की गांड पर अपना हाथ रखकर फैरने लगा। फिर आंटी ने मुझसे कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और में पीछे से आंटी को पकड़कर अपना लंड उनकी गांड पर रगड़ने लगा। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर इतने में आंटी बोली कि थोड़ी देर रुको, पहले चाय पी ले। तो मैंने कहा कि मुझे आपका दूध पीना है और ये कहकर मैंने गैस स्टोव बंद कर दिया और आंटी के लिप्स और गर्दन पर किस करने लगा। अब आंटी भी मेरा अच्छा साथ दे रही थी। फिर आंटी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे दबाने लगी, तो मैंने भी आंटी को नाईटी उतारने के लिए कहा, तो उन्होंने तुरंत अपनी नाइटी उतार दी, उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था और वो पूरी तरह से नंगी मेरे सामने खड़ी थी। अब उनके बड़े-बड़े बूब्स देखकर में हैरान हो गया था और उनकी बालों से भरी चूत को देखकर तो मेरे मुँह में पानी आ गया था। फिर मैंने आंटी के निप्पल को चूसना चालू कर दिया और अपने एक हाथ से उनकी चूत को सहला रहा था। अब उनकी चूत पूरी की पूरी गीली हो गयी थी। फिर कुछ देर के बाद में अपने कपड़े उतारकर आंटी की चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा, उनकी चूत बहुत गर्म थी।

फिर मैंने उन्हें अपना लंड चूसने को कहा तो पहले तो उन्होंने मना किया, लेकिन मेरे जिद करने पर आंटी मान गयी और अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी। दोस्तों क्या बताऊँ कि कितना मज़ा आ रहा था? पहली बार कोई मेरे लंड को चूस रही थी। फिर बाद में आंटी ने मुझे बेडरूम में चलने को कहा तो हम दोनों बेडरूम में चले गये। फिर में आंटी को बेड पर सुलाकर उनके बूब्स दबाने लगा और साथ ही साथ अपना एक हाथ उनकी चूत पर भी फैरने लगा। फिर में आंटी के दोनों पैरों को फैलाकर उनकी चूत सूंघने लगा, दोस्तों क्या खुशबू थी उनकी चूत की? और उनकी चूत को चाटने लगा और लगभग 10 मिनट तक मैंने उनकी चूत खूब चाटी। फिर में बेड पर बैठकर अपना लंड आंटी की चूत के लिप्स पर रगड़ने लगा। फिर इतने में आंटी तड़प उठी और ऊपर की तरफ अपनी चूत उछालने लगी।

फिर मैंने देर ना करते हुए आंटी की चूत में अपना लंड डाल दिया, वाउ आंटी की चूत इतनी बड़ी थी कि मेरा लंड तुरंत अंदर घुस गया था। अब में ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा था और अपने एक हाथ से उनके बूब्स मसलने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना सारा पानी उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया, अब हम दोनों शांत हो गये थे। फिर हम दोनों ने बाथ भी साथ में लिया। अब इसके बाद आंटी हर रोज हमारे घर आने लगी थी और में उन्हें आज भी जब भी मन करता है तो चोद आता हूँ ।।

धन्यवाद …