Antarvasna-Kamukta

प्यासी विधवा माँ की चुदाई लीला

हैल्लो दोस्तों, में राजू आप Antarvasna लोगों के सामने अपनी एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हूँ। मुझे आशा है कि यह कहानी आप लोगों को बहुत पसंद आएगी। एक बार मेरा तबादला 6 महीनों के लिए गुजरात स्टेट के नवसारी गाँव में हुआ, वहाँ में अपने एक गुजराती दोस्त के गाँव में रूका था। मेरे दोस्त के घर में उसकी 42 वर्षीय माँ रहती थी, वो विधवा थी और एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी और इतनी उम्र में भी उसका शरीर तंदुरुस्त और मोटा था, उसके चहरे पर हमेशा कामुकता झलकती रहती थी।

मैंने कई बार उन्हें छुप-छुपकर अपनी चूत में उंगली डालकर चोदते हुए देखा था। फिर में सब समझ गया कि वो काफ़ी सेक्सी महिला है, लेकिन संकोच के कारण मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। में अक्सर खाली समय में टी.वी. देखकर या किताब पढ़कर टाईम पास करता था। शनिवार और रविवार को मेरे दफ़्तर की छुट्टी होती थी, में दोस्त की माँ को माँ कहकर ही पुकारता था। उस दिन शनिवार था और में अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि मुझे अचानक से कुछ गिरने की आवाज़ आई, तो मैंने जाकर देखा कि माँ के हाथ से तेल का डिब्बा गिर पड़ा था। फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ माँ? तो वो बोली कि कुछ नहीं राजू तेल का डिब्बा उतार रही थी कि हाथ से फिसल गया। अब तेल उनके सीने और ज़मीन पर गिरा था और जब वो बैठकर ज़मीन पर गिरा तेल साफ करने लगी, तो मैंने कहा कि लाओ में कर देता हूँ, तो वो बोली कि नहीं में कर लूँगी।

फिर जब वो बैठकर तेल साफ करने लगी, तो मैंने देखा कि उनके बड़े गले वाले ओपन ब्लाउज से उनकी चूचियों का उभार साफ़-साफ़ दिख रहा था और उनकी चूचियाँ घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रही थी। अब उनकी मोटी-मोटी चूचियों को देखकर में पागल सा हो गया था और माँ की हाईट 5 फुट 6 इंच थी, उनके बूब्स का साईज तो 38 था, तो चूतड़ का साईज़ आप अपने आप सोच सकते है, माँ एकदम मोटी थी। उस दिन से में माँ को अजीब निगाहों से और उनकी चूचियों को देखता था और सोचता था कि कभी मौका मिला तो जमकर चूचियों को मसलूँगा, माँ भी हमेशा हंस-हंसकर बातें करती थी। फिर थोड़ी देर के बाद माँ बाथरूम में कपड़े धोने लगी, तो इतने में माँ ने मुझे आवाज़ लगाई तो में उठकर गया। फिर वो बोली कि जाकर सर्फ का पैकेट बाज़ार से ला दो, तो में बाज़ार जाने लगा।

फिर मुझे बीच रास्ते में ध्यान आया कि में पर्स तो घर पर ही भूल गया हूँ तो में घर के लिए वापस मुड़ा और घर पहुँचकर डोर बेल बजाई, लेकिन कुछ जवाब नहीं मिला तो मैंने सोचा कि शायद माँ व्यस्त होगी तो मैंने अपनी चाबी से दरवाजा खोला और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि माँ बाथरूम में नहा रही है। फिर मैंने आवाज़ मारकर पूछा कि माँ मेरा पर्स कहाँ रखा है? फिर वो बोली कि अलमारी से ले लो। अब में ठीक है कहकर बाथरूम के पास गया और जो मैंने देखा देखता ही रह गया। अब माँ के शरीर पर केवल ब्लाउज और ब्रा ही थी, उनकी साड़ी और पेटीकोट एक तरफ उतरे हुए पड़े थे। अब माँ अपनी चूत पर मालिश कर रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी-अभी अपने बाल साफ किए थे। अब यह देखकर मेरा मोटा और लम्बा लंड टाईट होने लगा था और मेरी पेंट से बाहर आने की कोशिश करने लगा था। फिर में वहाँ से चला गया, क्योंकि मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था।

फिर जब में सर्फ़ का पैकेट लेकर घर पहुँचा तो में तुरंत बाथरूम में पेशाब करने चला गया। अब जब में पेशाब कर रहा था तो तब मुझे रह-रहकर वो सीन याद आ रहे थे और में पागल हो रहा था। फिर जब में पेशाब करके बाहर आकर उनके कमरे में गया, तो माँ बोली कि क्या बात है तुम बहुत परेशान नज़र आ रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं बस सर में हल्का सा दर्द हो रहा है, वैसे में माँ को कैसे बताता की क्या बात है? फिर माँ बोली चल तुझे सर में तेल लगा देती हूँ। फिर मैंने कहा कि ठीक है और में जाकर उनके पास बैठ गया। अब वो मेरे सर में तेल लगाकर मालिश करने लगी थी और मालिश करते करते बोली कि राजू बेटा आज मेरा पैर भी काफ़ी दुख रहा है। फिर मैंने कहा कि ठीक है माँ में आपके पैरो पर सरसों के तेल से मालिश कर दूँगा। तब वो बोली कि नहीं में खुद ही लगा लूँगी, अब उनका हाथ मेरे सर की बड़े प्यार से मालिश कर रहा था कि अचानक से वो कुछ लेने के लिए नीचे झुकी तो उनकी चूचियाँ मेरे मुँह से टच हो गयी।

अब माँ को भी महसूस हो चुका था कि उनकी चूची मेरे मुँह पर टच हुई थी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और वो केवल मुझे देखकर मुस्कुरा दी। फिर हम लोग टी.वी. पर पिक्चर देखने लगे, जब टी.वी. पर इंग्लिश में सेक्सी पिक्चर लगी थी। अब सेक्सी सीन देखकर माँ भी गर्म हो गयी थी, क्योंकि उन्होंने अभी-अभी अपनी झाटें साफ की थी। फिर वो बोली कि राजू क्या तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड है? जिसे तुम बहुत चाहते हो या प्यार करते हो। अब में शर्माकर बोला कि मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मुझे तो तुम सबसे सुंदर लगती हो, में चाहता हूँ कि मेरी होने वाली बीवी भी आप जैसी ही सुंदर दिखने वाली महिला हो। फिर माँ बोली कि हट पागल जैसी बात क्यों करता है? तो मैंने कहा कि नहीं माँ में सच कह रहा हूँ। अब मुझे माँ के चहरे पर वासना नज़र आने लगी थी और अब में समझ गया था कि वो गर्म होने लगी है। फिर माँ बोली कि तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है? तो मैंने कहा कि आपकी आँखे और हंसने का अंदाज़ मुझे काफ़ी आकर्षित करता है।

फिर वो बोली कि सही बता झूठ क्यों बोलता है? तो मैंने कहा कि आप इस उम्र में भी काफ़ी आकर्षित लगती हो और साफ सफाई का भी खूब ख्याल रखती हो। फिर माँ बोली कि आँखे और हंसने का अंदाज़ तो मेरी समझ में आ गया, लेकिन साफ सफाई की बात समझ में नहीं आ रही है। फिर मैंने कहा कि आप ना तो ज़्यादा मेकअप करती है और फिर भी साफ सफाई का इतना ध्यान रखती हो, जो मुझे बहुत अच्छी लगती है। फिर माँ हंसते हुए बोली कि इसका मतलब तू मुझे हमेशा देखता रहता है कि में क्या कर रही हूँ? फिर मैंने देखा कि उसकी आँखे वासना से भर चुकी थी और चेहरा सुर्ख हो चुका था। फिर मैंने कहा कि माँ जब मैंने आपको देख ही लिया है तो अब किस बात की शर्म? फिर वो चुप हो गयी। फिर मैंने कहा कि आप अपने बालों का खूब ध्यान रखती हो ना? आज जब में अपना पर्स भूल गया था तो तब मैंने आपको चोरी छुपे बाथरूम में देखा था, लेकिन आपने कमर के ऊपर अपने कपड़े पहने थे, इसलिए मुझे आपका ऊपर का भाग नहीं दिखा था। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर वो थोड़ी शर्माते हुए उठने लगी, तो मैंने उनका हाथ पकड़ते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और उनके पास बैठ गया। तब वो बोली कि तुझे पता है कि तू क्या कर रहा है? तो मैंने कहा कि मुझे बस आप अपना शरीर एक बार फिर से दिखा दो, तो में कभी कुछ नहीं करूँगा। अब वो नाराज़गी दिखाने लगी। फिर वो कुछ देर चुप रहकर बोली कि देखो राजू में जैसा कहूँगी वैसा ही तू करेगा, तो में बोला कि ठीक है। फिर उन्होंने कहा कि जब तक में ना कहूँ तू कही हाथ नहीं लगाएगा, तो में बोला कि ठीक है। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तू अब मेरा पेटीकोट उतार। तभी मैंने सोचा कि शायद आज सारा काम मुझे ही करना पड़ेगा। फिर मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खींचकर पेटीकोट उतार दिया। उसके बाद मैंने जैसे ही उनका ब्लाउज उतारा तो अब उनके बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे थे। फिर माँ बोली कि चल अब ब्रा भी उतार, तो मैंने जैसे ही उनकी ब्रा उतारी, तो उनकी चूचियाँ उनकी सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रही थी।

अब यह देखकर में तो पागल हो गया और उनकी चूचियों को अपनी हथेली से दबाने लगा। तभी माँ नाराज़ हो गयी और उठने लगी, लेकिन मेरे वजन और दबाने के एहसास से वो उठ ना पाई और दोबारा से बिस्तर पर गिर गयी। अब उन्हें मज़ा आने लगा था, अब पहले तो में दबाता ही रहा और फिर थोड़ी देर के बाद मेरी हिम्मत बड़ी तो मैंने उनकी चूचियों के निपल्स को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। अब उन्हें बहुत मज़ा आने लगा था और अब में भी जोश में आकर अपने एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ने और सहलाने लगा। फिर वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी, अब उनकी आँखे बंद थी। तब मैंने कहा कि मुझे कुछ और चाहिए, तो वो बोली कि अब तो सब दे दिया है, अब क्या चाहिए? शायद वो सब कुछ मेरे मुँह से कहलवाना चाहती थी तो मैंने कहा कि जिसके आपने बाल साफ किए है। फिर वो बोली कि अब सब तेरा है, जो चाहिए वो ले ले, सब तो तूने देख लिया और छू लिया है।

अब में समझ गया था कि वो भी सेक्स के लिए तैयार होकर आई थी। अब पहले तो में उनकी चूत में अपनी जीभ डालकर काफ़ी देर तक चूसता रहा तो फिर वो भी मेरे कपड़े उतारकर खड़ी होकर अपने घुटनों के बल बैठ गयी और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर चूसने लगी। फिर में उनका सर पकड़कर उनके मुँह की चुदाई करने लगा और साथ ही साथ उनकी चूचियों से खेलने लगा, तो उनको भी मस्ती चढ़ने लगी। फिर वो बोली कि हाय राजू तेरा लंड तो काफ़ी मोटा और लंबा है और इस लंड से चुदाने में मुझे और मेरी चूत को काफ़ी मज़ा आएगा। अब वो मेरे लंड को चूस भी रही थी और बैठकर अपनी चूत के दाने को सहला भी रही थी। अब वो बहुत गर्म हो गयी थी और आहें भरते हुए बोली कि राजू अब आ भी जा, मुझे और मेरी चूत को मत तड़पा, जल्दी से मेरे ऊपर आजा। फिर मैंने माँ को सीधा लेटाकर उनकी दोनों टागों को फैलाते हुए उनकी जांघो को अपनी कमर की तरफ़ किया और उनकी दोनों टागों को अपने कंधो पर रख दिया और अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पूरे ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया।

अब मुझे मेरे लंड पर उनकी कसी-कसी गर्म चूत की दीवारों का स्पर्श होने लगा था। फिर वो बोली कि उफ़फ्फ़ राजू कई सालों के बाद इस चूत ने लंड खाया है, वो भी लम्बा और मोटा तो थोड़ा दर्द हो रहा है, ज़रा धीरे-धीरे डालो राजा। फिर मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और फिर मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया। अब माँ तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मज़ा ले रही थी। फिर माँ बोली कि राजू ज़रा ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड उठा-उठाकर मुझे चोदो, मेरे चूतड़ पर ज़ोर से मार, मज़ा आता है और उसकी आवाज़ मुझे अच्छी लगती है। अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाज़े गूंजने लगी थी और यह आवाज़ सुनकर में भी ज़ोर जोर से अपने लंड को उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था। फिर वो भी जोश में आकर बोली कि राजू मज़ा आ गया, आज बहुत दिनों के बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए, आईईईईई सीसस्स्स्सस्स।

फिर में भी बहुत जोश के साथ चुदाई करते हुए बोला कि आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू हर वक़्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी। फिर माँ बोली कि आआआहह आाईईईईईईई क्या मज़ा आ रहा है? खूब ज़ोर-ज़ोर से चोदो मुझे। अब इस दौरान माँ 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन में माँ को सूपर फास्ट एक्सप्रेस की तरह पच-पच चोद रहा था। अब वो आहें भरते हुए बोल रही थी अया गुड राजू मजा आ गया, म्‍म्म्मममममममम आआअहहहह उहह म्‍म्म्ममममम और करीब 20-25 मिनट के बाद मेरे लंड का सारा वीर्य उनकी चूत की गहराई में गिर गया और में एकदम से सुस्त हो गया और मेरा लंड भी शांत हो गया।

फिर माँ और में एक दूसरे के ऊपर लेट गये। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड माँ की चूत से बाहर निकाला तो उनकी चूत के किनारे से मेरा वीर्य बाहर बहकर उनकी गांड की और जा रहा था। अब उनकी चूत से बहती वीर्य की धारा और गांड देखकर मेरा मन उनकी गांड मारने को हुआ, लेकिन एक बार झड़ने से मेरा लंड पूरी तरह से उनकी गांड मारने के मूड में नहीं था तो मैंने उनकी चूत और लंड को कपड़े से साफ करके अपना लंड फिर से उनके मुँह में दे दिया और जब मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया। अब में माँ से बोला कि माँ आपके मोटे-मोटे चूतड़ देखकर मेरी बड़ी इच्छा हो रही है कि एक बार आपकी गांड माँरू, अगर तुमको बुरा ना लगे तो क्या में आपकी गांड मार लूँ? तो वो बोली कि राजू सारा काम क्या एक ही दिन में पूरा करोगे? रात के लिए कुछ भी नहीं रखोगे? फिर भी तेरी बड़ी ही इच्छा है तो चल मार ले मेरी गांड, लेकिन आराम से।

फिर माँ उल्टा होकर लेट गयी और अब उनके बड़े-बड़े चूतडों के बीच में उनकी गांड काफ़ी सुंदर लग रही थी। फिर उन्होंने अपने कूल्हों को अपने दोनों हाथों से फैला लिया, तो तब में ढेर सारा थूक उनकी गांड के छेद पर लगाकर मेरा लंड उनकी गांड में डालकर करीब आधे घंटे तक उनकी गांड मारता रहा। फिर जब हमारी चुदाई लीला समाप्त हुई, तो वो बड़ी खुश हुई। फिर मैंने पूछा कि माँ मैंने ढेर सारा वीर्य आपकी चूत में डाल दिया है तो कहीं गड़बड़ नहीं होगी ना। फिर वो बोली कि अरे पगले जब से तेरा दोस्त पैदा हुआ। उसके तुरंत बाद मैंने ऑपरेशन करवा लिया था, इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है। फिर में जितने दिन वहाँ रहा, उनको जमकर चोदता रहा और खूब मजे लिए ।।

धन्यवाद …