Antarvasna-Kamukta

पति के दोस्त ने मुझे जीत लिया

हैल्लो दोस्तों, में बहुत सुंदर तो नही हूँ Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai लेकिन मुझमें एक अलग सा सेक्सी नशा है जो हमेशा मर्दों को आकर्षित करता है और वो मेरे पास आना चाहते है। मेरे बूब्स बहुत बड़े है और लड़कों की नज़र वहीं अटक जाती है। कुछ समये पहले मेरे पति के दोस्त ने होटल में पार्टी रखी थी, वहाँ 6 कपल्स आए हुए थे। में भी पार्टी के लिए उत्तेजित थी और मैंने रेड शिफान की साड़ी के साथ ब्लेक नेट का बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था। में लंबी तो हूँ ही और थोड़ी सी हील पहन लेती हूँ, तो पति के बराबर लगती हूँ। मैंने उस दिन हल्का सा ग्लॉसी मेकअप और आँखो को स्मोकी बनाया हुआ था। फिर जब मैंने पार्टी में एंटर किया तो सब मर्दों की नज़र मुझ पर ही थी। फिर मेरे पति के एक फ्रेंड विनय ने कहा कि बड़ी सेक्सी लग रही है भाभी जी। अब मेरे पति की तो हालत खराब हो रही थी, लेकिन मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, वो पार्टी एक बहुत अच्छे होटल में थी।

फिर जैसे-जैसे पार्टी शुरू हुई तो सब खाने पीने में मस्त हो गये। तभी मेरे पति के एक फ्रेंड ने कहा कि कोई गेम खेलते है। तो उसने कहा कि यहाँ 6 कपल्स है, 6 लड़के और 6 लड़कियाँ, तो क्यों ना हम वाईफ स्वपिंग करें? अब पहले तो सब मना करने लगे थे, लेकिन सब मर्द दूसरों की बीवियों को चोदना चाहते थे इसलिए सब गेम के लिए मान गये। अब ये देखना था कि कौन किसकी बीवी को कमरे में लेकर जाएगा? इसलिए पर्चियाँ डाली गई। अब जिसके हाथ में जिस लड़की की पर्ची आएगी, वो उससे सेक्स करेगा, अब ये बात सुनकर सब बड़े उत्तेजित थे। अब विनय बहुत देर से मुझे देखे जा रहा था, अब उसको देखकर लग रहा था कि वो मुझे चोदना चाहता था। में जब से पार्टी में आई थी, वो मेरे ही पीछे-पीछे था और मुझे भी ये अटेन्शन अच्छी लग रही थी, वो लंबा जवान और बहुत सेक्सी था इसलिए में भी चाहती थी कि उसके हाथ में मेरी पर्ची आए।

फिर जब पर्चियाँ निकाली गयी, तो सच में मेरे नाम की पर्ची विनय के पास निकली। अब उसके फेस पर एक अलग सी चमक आ गयी थी और फिर उसने मुझे ललचाई नज़रों से देखा। फिर जब सबकी पर्चियाँ निकल गयी, तो सबने रूम में जाना शुरू किया। फिर विनय ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे पति की तरफ देखा जैसे कि उसने मुझे उनसे जीत लिया है। फिर रूम में जाते ही विनय ने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोला कि कब से तड़पा रही थी, अब कहाँ जाओगी? फिर मैंने भी अपनी बाहें उसके गले में डाल दी और उसकी आँखों में देखने लगी। में हमेशा से ही स्मार्ट लड़कों से पट जाती हूँ और विनय बहुत हैंडसम था। फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और अब उसके हाथ भी मुझे सहलाने लगे थे।

फिर विनय ने मेरी पीठ से मेरे बाल हटाए और मेरी पीठ को चाटने लगा। अब उसके हाथ मेरे पेट को सहलाने लगे थे और देखते-देखते ही उसने मेरी साड़ी उतारनी शुरू कर दी। फिर में घूमती गयी और वो मेरी साड़ी उतारता गया। फिर उसने मेरा ब्लाउज भी उतार दिया और मेरे बूब्स को देखने लगा, जैसे वो बहुत दिनों से प्यासा हो और मुझे पी जाना चाहता हो। अब में उसके सामने सिर्फ़ एक पेंटी में खड़ी थी और वो मुझे देखे जा रहा था। फिर विनय मुझे उठाकर बिस्तर पर ले गया और मेरी पेंटी को नीचे से सूंघने लगा जैसे उसे कोई नशा हो रहा हो। फिर वो अपने दाँतों से मेरी पेंटी उतारने लगा और अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। फिर मैंने उसकी पेंट की ज़िप खोल दी, तो उसने मेरी हालत देखकर मेरी तरफ स्माइल किया और अपने कपड़े उतार दिए। अब में उसका लंबा और मोटा लंड देखकर खुश हो गयी थी और उसको अपने हाथ से सहलाने लगी थी। विनय का लंड मेरे पति के लंड से ज़्यादा बड़ा था और अब में सोच रही थी कि आज तो बहुत मज़ा आएगा। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर विनय बोला कि आज में तुम्हें ऐसे चोदूंगा कि तुम अपने पति को छोड़कर मेरे पास आ जाओगी, ये कहकर उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उन्हें अपने मुँह में डालकर खींचने लग गया। अब उसके हाथ मेरी बॉडी को सहला रहे थे और में उसके लंड को चूसने लग गयी थी। अब विनय को बहुत मज़ा आ रहा था, अब वो और तेज़ी से मेरे बूब्स को चाटने लग गया था। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लग गया। अब में चीखने लग गयी और उसकी गर्दन पर हल्के-हल्के काटने लग गयी थी। अब विनय तो जैसे पागल ही हो गया और बोला कि कुत्तियाँ तू तो मस्त है, सेक्सी है, तुझे तो में सारी ज़िंदगी चोद सकता हूँ, ये कहकर उसने अपना लंड मेरी गांड में पूरा डाल दिया। मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी, लेकिन अब मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। अब मेरी चूत पूरी गर्म थी।

फिर विनय ने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाली और मेरे जूस को निकालकर चाटने लग गया। फिर वो बोला कि तू तो तैयार है, अब तुझे चोद दूँ क्या? अब में तो जैसे उसकी गुलाम हो गयी और उसके सामने गिड़गिडाने लगी थी। फिर उसने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत को चाटने लगा, खींचने लगा। अब में तो तड़प गयी थी और फिर मेरा पानी छूट गया। अब में विनय के बाल पकड़कर उसे दूर करने लगी थी, लेकिन वो हट ही नहीं रहा था और मेरी चूत को चाटे जा रहा था। फिर विनय बोला कि में तेरा सारा जूस पी जाऊँगा, तू गिड़गिडाएगी तब भी नहीं छोड़ूँगा। अब में उससे मिन्नते करने लगी थी, लेकिन वो मेरी चूत को चाटे ही जा रहा था। फिर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डालकर घुमा दी, तो मेरी तो जान ही निकल गयी और मेरा पानी फिर से छूट गया। अब विनय फिर भी मेरी चूत को चूसे जा रहा था। फिर विनय बोला कि एक शर्त पर छोड़ूँगा अगर तू मुझे ब्लोवजोब देगी तो। फिर मैंने कहा कि हाँ दूँगी, तब जाकर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में से बाहर निकाली।

अब मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी चूत सूज गयी हो। फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुँह में डाला और उसे अच्छा सा ब्लोजॉब दिया। अब विनय उत्तेजना में चीखने लगा था, अब मुझे भी इससे पहले कभी इतना मज़ा नहीं आया था। फिर विनय ने मुझे टेबल पर बैठाया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और फिर उसी टेबल पर उसने मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदा और मेरे बूब्स को सक किया। अब हम दोनों पूरी तरह से थक चुके थे और फिर बेड पर गिर गये। फिर जब हम बाहर आए तो सब लोग पहले से ही हॉल में थे। फिर मैंने और विनय ने एक दूसरे की तरफ देखा और स्माइल किया। फिर मेरे पति ने मेरे चेहरे की तरफ देखा, तो अब मेरे बिखरे बाल और फैला मेकअप मेरी रात की कहानी कह रहे थे। फिर उस पार्टी के बाद भी में और विनय ने कई बार सेक्स