Antarvasna-Kamukta

पड़ोसन ताई को चोद आया

बात उस समय की है, जब मैं 17 साल का हुआ! जवानी में कदम रखते ही जो सुन्दर लगता है Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai उस कच्ची उम्र में किसी नवयुवक के कदम लड़खड़ा ही जाते हैं! हमारे मोहल्ले में एक औरत रहती थी, जो करीब 45 साल की होगी, और किराए के मकान में रहती थी! उसका चेहरा और उसका बदन बहुत ही चिकना था, जो देखने से ही पता चल जाता था! और हम लोग उन्हें ताईजी कहते थे! ताई की एक लड़की और एक लड़का था, जो बहुत ही छोटे थे! ताई के पति यानी ताउजी किसी प्राइवेट कम्पनी में मुनीम थे!

ताई देखने में सेक्सी लगती थी! और जब हम्रारे कदम जवानी की देहलीज़ पर पहली बार पड़े तो, ताई ही हमारा निशाना बनी! मैं ताई को अपने अंदर प्यार करने लगा था! ताई कब घर से बहर निकलती, मुझे उस टाइम का पता होता और ताई से मजाक या बात करने की कोशिश करता! ताई को भी अच्छा लगता, लेकिन ताई को नहीं मालूम था कि, कोई दिल ही दिल में ताई को प्यार कर बैठा है!

एक दिन घर वालो ने मुझे सुबह के करीब 8 बजे ताई के यहाँ जाकर, कुछ सामान लाने को कहा! मैं तो इसी टाक में था! मैंने ताई को आवाज़ लगाई, कुछ जवाब ना मिलने पर मैंने ताई के घर का दरवाज़ा खोला तो, ताई अपने कमरे में नहा रही थी! ताई की पीठ दरवाजे की और थी, और ताई आज माल लग रही थी! ताई की चिकनी कमर देखकर मैं तो ताई को देखता ही रह गया! मेरे दरवाजे खोलने पर ताई को शायद कोई फरक नहीं पढ़ा, शायद वो मुझे छोटा समझती थी! मैं ताई की पीठ की और देख रहा था कि, ताई ने पुछा की मुझे क्या चाहिए? मैंने वो सामान बता दिया, ताई ने इशारा किया और मैंने वो सामान लिया और दरवाजे के और बढ़ गया!

मेरे बाहर आने से पहले ताई ने दरवाजा बंद करने को कहा, और अपनी पीठ पर साबुन लगाने के कहा! मैं इसी मौके की तलाश में था, मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और ताई की पीठ पर साबुन लगाने चल दिया, ताई की पीठ पर साबुन लगाने के बाद, मैंने धीरे-धीरे ताई के पीछे अपनी ऊँगली से, ताई की पीठ रगडनी शुरू की! ताई को मेरी उंगलियों का जादू अच्छा लगा! लगता था जैसे, शायद आज ताई को अच्छा लगा रहा था! फिर ताई ने उपर पानी डाला और साबुन को धो दिया! ताई ने मुझे अब जाने को कहा, लेकिन मैं भी शैतान था, मैंने ताई से कहा नहीं, पहले एक बार मेरे गले लगो! ताई को आश्चर्य हुआ और बोली कि, वो मेरी शिकायत मेरे घर में कर देगी. मैंने कहा ठीक है कर दो, लेकिन एक बार गले लगा लो प्लीज!

ताई ने स्नान ख़त्म किया, मैं ताई की गोरी सफ़ेद चिकनी टांगो और ताई की चिकनी कमर को देख रहा था और थोडा कामुक था! ताई दुसरे कमरे में चली गयी, लेकिन बीच में कोई दरवाज़ा ना हॊने के कारण मैं भी उस कमरे में चला गया! ताई मेरी मंशा समझ गयी, और मुझसे एक वादा लिया कि एक किसी को कुछ नहीं बताऊंगा! मैंने वादा किया, वादा करते हि, ताई ने मुझे अपने ठन्डे जिस्म से लगा लिया! उसने मुझे किस किया, जो मैं नहीं जानता था! हम दोनों गले लगे और फिर मेरी, ताई ने मेरी sucking करी!

मैं आज तक वो वाक्या नहीं भुला, ना ही मैंने किसी से उस विषय में बात की! उसके बाद जब-जब मुझे वो ताई दिखाई दी, हम दोनों एक दुसरे को देखकर, मुस्कुराते और अपने अपने रास्ते चल देते थे! क्यूंकि उसके बाद मुझे कभी उस ताई से अकेले मिलने का मौकाs ही नहीं मिल! शायद वो भी, यही चाहती थी!