Antarvasna-Kamukta

किरायेदार की बीवी को मस्ती से ठोका

हैल्लो दोस्तों, आज में आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ, लेकिन उससे पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरा नाम राज है और में उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में रहता हूँ। इस वक़्त मेरी उम्र 25 साल हो गयी है और आज भी में हर वक़्त सेक्स का भूखा रहता हूँ। ये बात उन दिनों की है जब में 20 साल का था और मेरे यहाँ एक फेमिली किराए पर रहने आई थी। उस फेमिली में एक आदमी, उसकी बीवी और 2 बच्चे थे। उनका कमरा मेरे बगल में ही था और उस आदमी की उम्र यही कोई 25 साल होगी और उस औरत की उम्र 30 साल थी, लेकिन वो 25 साल की लगती थी और वो दिखने में बहुत ही सुंदर औरत थी। में उसे भाभी कहता था, लेकिन मुझे वो औरत कुछ चालू किस्म की लगती थी।

जब उसका पति अपनी ड्यूटी पर चला जाता था और बच्चे स्कूल चले जाते थे, तो उस वक़्त वो मुझसे थोड़ा हंसी मज़ाक कर लेती थी और में भी इसे सामान्य तौर पर ही लेता था। इसी तरह से तीन महीने बीत गये और अब हम लोग आपस में काफ़ी खुल गये थे। अब अक्सर ऐसा होता था कि रात में नज़दीक होने की वजह से में उनका टायलेट इस्तेमाल कर लेता था। उसके पति जिनका नाम अशोक था, वो कई बार टूर पर ऑफिस के काम से लखनऊ जाते रहते थे और उन्हें वहाँ कई-कई दिन रुकना पड़ जाता था, तब घर में वो अकेली रह जाती थी, तो उससे मेरी खूब बातें होती थी। अब में कभी कभी छत पर जाकर छुपकर ड्रिंक कर लिया करता था। फिर एक दिन में ड्रिंक कर रहा था कि अचानक वो भी ऊपर आ गयी और उसने मुझे ड्रिंक करते हुए देख लिया, तो में डर गया कि आज तो भांडा फूट गया, लेकिन वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि जब मेरे पति यहाँ नहीं होते है तो तुम मेरे कमरे में बच्चों के सोने के बाद ड्रिंक कर सकते हो।

फिर मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और उन्हें बताया कि बस भाभीजी में कभी- कभी ही ड्रिंक करता हूँ, तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे भाई साहब भी कभी-कभी काम से बाहर जाते है तो तुम मेरे कमरे में ये सब कर सकते हो। फिर मैंने उन्हें थैंक्स बोला और अपना क्वॉर्टर लेकर उनके कमरे में आ गया। फिर उन्होंने अपने फ्रीज़ से ठंडे पानी की बोतल और गिलास टेबल पर रख दिया और मुझसे बातें करने लगी। अब मुझे सुरूर होने लगा था। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड भी है क्या? तो मैंने अपने लंड पर हाथ फैरते हुए बताया कि नहीं तो अभी तक तो कोई नहीं है। फिर उन्होंने मुझे अपने लंड पर हाथ फैरते हुए देखा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है? तो में चौंक गया। दोस्तों मुझे इतनी जल्दी ऐसी उम्मीद नहीं थी। अब मुझे बड़ा अजीब सा लगा था।

फिर मैंने कहा कि नहीं कभी नहीं किया, तो वो आँख मारते हुए बोली कि अच्छा तुम इतने शरीफ लगते तो नहीं हो। फिर मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने झट से उनको अपनी बाहों में भर लिया और उन्हें बोल दिया कि भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। फिर उसने मुझसे छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा कि तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो, लेकिन अभी तुम अपने कमरे में जाओ और रात को आना, जब तुम्हारे सभी घरवाले सो जायेंगे। दोस्तों में समझ गया कि चुदाई की आग दोनों तरफ लगी है। फिर में उधर से उठकर अपने कमरे में आ गया और खाना खाकर सोने का नाटक करने लगा। अब 2 घंटे के बाद मेरे सभी घरवाले भी सो गये थे, तो में चुपके से उठा और भाभी के कमरे में घुस गया। उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद नहीं किया था। फिर में जैसे ही अंदर घुसा तो में देखता ही रह गया। अब भाभी ने सफेद रंग की नाईटी पहनी थी, वो बड़ी मस्त लग रही थी। फिर मैंने जाते ही उनको दबोच लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसे नहीं, पहले टायलेट में जाकर मुठ मारकर आओ। फिर मैंने कहा कि भाभी जब आप तैयार है तो फिर मुठ मारने की क्या ज़रूरत है? तो उन्होंने कहा कि जो में कहती हूँ वो करो।

फिर में टायलेट में घुस गया और मुठ मारी और फिर से भाभी के कमरे में आ गया। फिर इस बार मैंने देखा कि अब भाभी बिल्कुल नंगी होकर बिस्तर पर बैठी थी। उस वक़्त वो क्या कयामत लग रही थी? में बता नहीं सकता। फिर उन्होंने अपने बिस्तर के बगल में नीचे बिस्तर लगा दिया था, जिससे बच्चों की आँख ना खुल सके। अब भाभी ने मेरे कपड़े भी खुद ही उतार दिए और फिर मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए तो में फिर से गर्म हो गया और भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, वाह क्या मज़ा आया था? फिर मैंने उनकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। अब भाभी बहुत ही गर्म हो गयी थी और फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया। फिर उन्होंने अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी और अपना मुँह मेरे लंड की तरफ करके मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने भी अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी। अब मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर ऐसे ही लगभग 5 मिनट तक चुसाई का कार्यक्रम चला और अब भाभी की चूत से पानी की धारा बह निकली थी। अब उधर मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा निकल जायेगा। फिर उन्होंने कहा कि छोड़ दे में मुँह में ही ले लूँगी। फिर मेरे लंड ने उनके मुँह में ही पिचकारी छोड़ दी और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी। अब वो उठी और मेरे बगल में लेट गयी। अब वो मुझे सहला रही थी और में भी उन्हें मसल रहा था। अब इसी तरह से मुश्किल से 10 मिनट बीते थे कि मेरा लंड फिर से पूरा खड़ा हो गया और भाभी भी पूरी गर्म हो गयी। अब उन्होंने अपनी चूत फैलाते हुए कहा कि ले अब अंदर डाल दे। फिर में उनके ऊपर आ गया और अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत के ऊपर रखा और अंदर डाल दिया और उनकी चुदाई शुरू कर दी।

अब लगभग 7-8 मिनट की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे बुरी तरह से कस लिया और बोली कि थोड़ी सी रफ़्तार और तेज करो, तो मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। अब भाभी की साँसे रुक गयी थी, अब उनका जिस्म बुरी तरह से अकड़ा और वो झड़ गयी, लेकिन दो बार वीर्य निकलने की वजह से मैंने उनकी चुदाई जारी रखी और में उन्हें चोदता रहा। फिर 10 मिनट के बाद भाभी फिर अकड़ गयी और फिर से झड़ गयी। अब वो मुझे अपने ऊपर से उतरने के लिए कहने लगी थी। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उन्हें घोड़ी बनाकर फिर से उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया। फिर मैंने करीब 10 मिनट तक उन्हें चोदा। इस बार हम दोनों साथ-साथ झड़े और एक दूसरे के बगल में लेट गये। अब भाभी पूर्ण संतुष्ट हो चुकी थी। फिर उन्होंने कहा कि आज असली मज़ा आया है तुम्हारे भैया तो ढंग से चुदाई ही नहीं करते है।

फिर एक घंटे के बाद मेरा लंड एक बार फिर से तैयार था, तो इस बार भाभी मेरे ऊपर बैठ गयी और उछल-उछलकर मुझे चोदने लगी, यह राउंड भी 30 मिनट तक चला और वो दो बार झड़ी, लेकिन अब हमें थकान होने लगी थी, खासतौर से भाभी को ज्यादा थकान हो गयी थी। अब में उनके कमरे से जाना नहीं चाहता था, लेकिन उन्होंने कहा कि थोड़ी देर अपने कमरे में जाकर सो जाओ। फिर में उदास मन से अपने कमरे में आकर सो गया, लेकिन फिर ज़ोर से पेशाब लगने के कारण मेरी आँख 3 बजे फिर से खुल गयी और में टायलेट में चला गया। फिर मैंने देखा कि भाभी ने अपना कमरा अंदर से बंद नहीं किया था। तफिर मैंने उत्सुकतावश अंदर देखा, तो भाभी बिस्तर पर नाईटी पहने हुए सो रही थी। अब मेरा मन फिर से खराब हो गया था। फिर मेरे लंड ने फिर से सल्यूट मारा और में धीरे से अंदर घुस गया और उनको जगा दिया।

फिर मैंने कहा कि भाभी एक और बार, तो वो फिर से अपनी नाईटी उतार कर नीचे वाले बिस्तर पर आ गयी और बोली कि राज तुममें बड़ी जबरदस्त जवानी है। फिर मैंने कहा कि भाभी ये उम्र ही ऐसी है। अब वो रंडी की तरह मुस्कुराई और उसने लेटकर अपनी चूत फैला दी। फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी अब में पीछे से करना चाहता हूँ, तो वो बोली कि आज तुमने मुझे जो सुख दिया है, उसके लिए तुम कही भी अपना लंड डाल सकते हो, लेकिन धीरे से करना। फिर वो उठकर रसोई से तेल की शीशी ले आई और मुझे दे दी। फिर मैंने अपनी उंगली से उनकी गांड में जहाँ तक हो सकता था तेल डाल दिया और अपने लंड पर भी तेल लगा लिया। अब में उनको घोड़ी बनाकर उनकी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा था, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरा सुपाड़ा ही अंदर गया कि भाभी मना करने लगी और बोली कि बहुत दर्द हो रहा है, तो में सिर्फ़ अपना सुपाड़ा डालकर ही रुक गया। अब में भाभी की चूचियों से खेलने लगा था। फिर कुछ ही पलो में भाभी भी उत्तेजित हो गयी थी।

फिर उन्होंने धीरे-धीरे अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ सरकया और धीरे-धीरे पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया। सच में दोस्तो गांड में लंड डालकर ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे लंड को बुरी तरह से भींच लिया हो। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और फिर अपनी रफ़्तार तेज करते चला गया, लेकिन उनकी गांड बहुत कसी हुई थी। अब मैंने अपने एक हाथ से भाभी की चूची पकड़ रखी थी और एक हाथ की उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था, हाय क्या मस्त नज़ारा था? अब भाभी सिसकारियाँ ले रही थी, लेकिन बहुत धीमी आवाज़ में। अब भाभी का जिस्म फिर से अकड़ा और अब वो फिर से झड़ गयी थी। फिर 2 मिनट के बाद मैंने भी अपना सारा वीर्य भाभी की गांड में ही भर दिया, पता नहीं उनकी चूत झड़ी थी कि गांड फटी थी, लेकिन मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया था। उसके बाद में अपने कमरे में आ गया और सो गया। फिर जब सुबह मेरा भाभी से सामना हुआ तो उन्होंने मुस्कुराकर मुझे आँख मारी और हमारा ये सिलसिला 3 साल तक चला। फिर कुछ दिन के बाद उनके पति का तबादला भी कहीं और हो गया और वो लोग शहर से बाहर चले गये, लेकिन भाभी की वो मस्त चुदाई में आज तक नहीं भूल पाया हूँ ।।

धन्यवाद …

https://web.archive.org/web/20220616033821/http://disqus.com/embed/comments/?base=default&f=antarvasna-tv&t_i=2226%20http%3A%2F%2Fantarvasna.tv%2F%3Fp%3D2226&t_u=https%3A%2F%2Fweb.archive.org%2Fweb%2F20170605122432%2Fhttp%3A%2F%2Fantarvasna.tv%2F2226-2%2F&t_e=%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%A0%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%BE&t_d=%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%A0%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%BE&t_t=%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%A0%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%BE&s_o=default&l=#version=cfefa856cbcd7efb87102e7242c9a829