Antarvasna-Kamukta

आनन्द की बीवी की चूत का आनन्द

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है antarvasna मेरी उम्र 32 साल, कद 6 फुट एकदम तगड़ा फिट बॉडी और में साल 2006 दिसम्बर महीने में अपने रिश्तेदार को मिलने थाने (मुंबई के पास) गया था। में घोड़बंदर रोड़ पर बस के इंतजार में खड़ा था कि एक कार को ट्रक वाले ने साईड से ठोक दिया और ट्रक वाला ट्रक खड़ा करके कार के चालक को खूब मार रहा था। अब हाइवे होने के कारण बहुत लोग जमा हो गये थे, मेरी भी बस आने में टाईम था तो अब में भी नजदीक जाकर सब कुछ जानना चाहता था। इसी कारण से में उसके नजदीक गया, तो मैंने वहाँ पर देखा कि ट्रक ड्राइवर कार के ड्राइवर को मारने पर तुला था, तो यह देखकर मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने ट्रक ड्राइवर की शर्ट का कॉलर पकड़ा और बोला कि साले तेरा नाटक बहुत टाईम से देख रहा हूँ, एक तो गलती करता है और फिर दूसरे शरीफ आदमी को तकलीफ देता है, इसमें तेरी सब गलती है और मेरे इस व्यवहार से ट्रक ड्राइवर एकदम से डर गया और मांफी माँगकर चलता बना। उस कार के ड्राइवर की उम्र यही कोई 55 साल की होगी।

फिर कार ड्राइवर ने मुझसे थैंक्स बोला और अपनी गाड़ी ध्यान से देखने लगा, तो मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं 10 हज़ार का खर्चा है वो इंशोरेंस से क्लेम कर लेना। फिर इस बात पर वह मुझे एकदम देखना लगा और बोला कि मेरा नाम आनंद है, तो में बोला कि मेरा नाम रवि है। फिर आनंद जी ने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे? तो में बोला कि थाने स्टेशन, तो आनंद जी ने कहा कि में भी वहीं जा रहा हूँ और में आनंद जी के साथ उनकी गाड़ी में बैठकर जाने लगा। अब मेरी आनंद जी के साथ इधर उधर की बातें होने लगी थी। फिर हमारी बातें बीच से काटते हुए पीछे से एक औरात की आवाज़ आई आनंद हमारी पहचान नहीं करवाओगे? तो आनंद जी ने गाड़ी चलाते हुए कहा कि सॉरी रवि ये मेरी वाईफ स्वाती है, तो स्वाती जी एकदम से मुस्करा दी।

फिर मैंने उन्हें भाभी नमस्ते कहा और अपने हाथ जोड़ दिए, तो स्वाती भी मुझे नमस्ते बोलकर मुस्कुरा दी। फिर थाने पहुँचकर आनंद जी और स्वाती जी दोनों मुझे लंच करने के लिए ज़िद करने लगे कि तुम हमारे साथ लंच करो, तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर हम एक बड़े होटल में गये जहाँ पर उन दोनों ने एक रूम पहले से बुक करके रखा था और मुझे मालूम नहीं था। अब में रेस्टोरेंट में नीचे जाकर बैठा था, तो मुझे लगा कि वो लोग फ्रेश होने गये है। फिर थोड़ी देर में वेटर आया और मुझसे बोला कि सर, आनंद सर ने रूम नंबर 304 में आपको बुलाया है, तो में उठकर सीधा रूम नंबर 304 में तीसरे फ्लोर पर चला गया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब वहाँ रूम के अंदर आनंद जी एक मैग्जीन पढ़ रहे थे और मुझे देखकर बोले कि रवि आओ, बैठो और मैग्जीन पढ़ते हुए बोले कि खाने का ऑर्डर दे दिया है और बोले कि स्वाती थोड़ी फ्रेश हो रही है। अब में आराम से बैठकर मन ही मन में सोच रहा था कि आनंद जी कैसे आदमी है? अब में भी मैग्जीन पर छपी सेक्सी लड़की को देखने लगा था। अब में इतना ध्यान से देख रहा था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब स्वाती जी मेरे पीछे आकर खड़ी हो गयी? फिर जब उन्होंने मेरे सिर पर अपना एक हाथ रखा, तो मुझे जैसे झटका लगा कि में क्या देख रहा हूँ? फिर जब मैंने स्वाती की तरफ देखा तो मेरा लंड एकदम से रोड जैसा हो गया था। स्वाती जी की हाईट 5 फुट 5 इंच, भरा हुआ बदन, फिगर साईज 36-32-38 है, गोरा रूप था। अब अभी तो वो मेरे सामने सलवार और कमीज पहने हुई थी और उनकी चुन्नी भी उनके सीने पर नहीं थी। अब में एकटक जैसे सम्मोहित होकर उनके जिस्म को देख रहा था कि आनंद जी ने पुकारा रवि हैल्लो मैग्जीन देखो और फिर उन्होंने नंगी फोटो वाली मैग्जीन मेरे सामने रख दी और स्वाती जी भी मुझसे सटकर बैठ गयी।

फिर स्वाती बोली कि आनंद रवि को बोलो ना यह शर्मा रहा है। फिर आनंद जी बोले कि रवि में बहुत साफ़ आदमी हूँ, यह मेरी वाईफ बहुत सेक्सी है, इसको तुम्हारे साथ सेक्स करना है, तो में बोला कि सर आप क्या बोल रहे है? तो आनंद जी बोले कि रवि कुछ घबराने की बात नहीं है, तुम शुरू हो जाओ, मुझे लाइव सेक्स देखने में बहुत मज़ा आता है। फिर इतना सुनते ही स्वाती मुझसे एकदम से लिपट गयी। फिर स्वाती ने पहले तो मेरा पैंट निकाल दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर आइसक्रीम की चूसने लगी। अब में भी धीरे-धीरे स्वाती की बड़ी-बड़ी चूची को सहलाने लगा था। फिर जब मेरा लंड पूरी तरह से तनकर 8 इंच का हो गया, तो स्वाती जब मेरे लंड को अपने मुँह में लेती, तो मेरा लंड उसके गले तक चला जाता था और मेरे लंड के सुपाड़े पर अजीब सा मजे का अनुभव होता था।

फिर मैंने स्वाती का पंजाबी सूट पूरा निकाल दिया, अब वो सिर्फ़ रेड ब्रा और रेड पैंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी। अब में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने स्वाती को बेड पर लेटाकर उसकी पैंटी निकालकर उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया। फिर स्वाती ने आनंदित होकर सिसकारी भरी और आआआआआआआआआआअ करके मुझसे एकदम से लिपट गयी। फिर मैंने उसकी ब्रा से स्वाती की दोनों चूची को जब आज़ाद किया तो मुझे उसे देखकर दुनिया का स्वर्ग नजर आया और में उसे मसलने और चूसने लगा। अब स्वाती इस पर और सेक्स महसूस करने लगी थी, मानो जैसे वो मज़ा लेकर पागल हो रही है। फिर आनंद जी बोले कि तुम बहुत अच्छा सेक्स कर रहे हो। फिर इतना सुनकर में ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड के धक्के स्वाती की चूत पर मारने लगा, तो स्वाती भी अपने चूतड़ उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी। अब में कभी उसके होंठो को चूमता तो कभी उसकी बड़ी चूची को चूसता, तो कभी मसलता। अब स्वाती सिसकारियाँ भर रही थी और में उसके पूरे बदन को चूम रहा था।

फिर में थोड़ी देर के बाद स्वाती की चूत को चाटने लगा और उसकी चूत को चूसने लगा। फिर करीब 20 मिनट के बाद स्वाती ने अपना पानी छोड़ा, जिससे मेरा मुँह पूरा का पूरा भर गया। स्वाती का पानी निकल जाने के बाद वो हांफ रही थी और बोली कि स्ट्रॉंग मैन थोड़ा रूको, तो में बोला कि क्या हो गया? तो वो बोली कि तुम पहले क्यों नहीं मिले? में सालों से प्यासी थी, आज मेरा पानी सही ढंग से निकला है, आज तक तो दूसरे सिर्फ़ अपना पानी गिराकर चले जाते थे और बोली कि आओ शुरू करते है। फिर मैंने स्वाती को चोदना चालू किया, तो स्वाती तो एकदम निहाल हो गयी। अब आनंद जी का देखते-देखते ही पानी गिर गया था, तो स्वाती बोली कि आनंद तुम भी आओ, तो आनंद जी बोले कि मेरा झड़ गया है और फिर स्वाती ने 10 मिनट के बाद एक बार फिर से अपना पानी छोड़ दिया।

अब मेरा अभी तक पानी नहीं निकला था। अब स्वाती एकदम से थक चुकी थी और अब वह मेरा लंड अपने मुँह में लेकर आइसक्रीम की तरह चूसने लगी थी। फिर 15 मिनट के बाद मेरा पानी स्वाती जी के मुँह में गिरा, तो स्वाती का पूरा का पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया और स्वाती मेरा पूरा वीर्य धीरे-धीरे पी गयी और बोली कि आज आत्मा तृप्त हो गयी। फिर स्वाती जी बोली कि अब तुम मेरे यहाँ कभी भी आ सकते हो और फिर आनंद जी ने अपना विज़िटिंग कार्ड मुझे दे दिया। फिर इसके बाद हम तीनों ने खाना खाया और हम अपने-अपने घर चले गये। अब जब भी स्वाती या आनंद जी का फ़ोन आता है, तो हम उसी तरह होटल में जाकर लंच के बहाने 4-5 घंटे सेक्स का मज़ा लेते है और खूब मजा करते है ।।

धन्यवाद …