Antarvasna-Kamukta

पति को ब्रूटल सेक्स से खुश किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पूनम शर्मा है और यह कोई स्टोरी नहीं एक सच है, जो मेरे साथ हुआ है. में एक हाउसवाईफ हूँ और एक मिड्ल क्लास फेमिली से बिलॉंग करती हूँ, में 32 साल की हूँ और मेरे पति का नाम रोहित है, वो 35 साल के है और वो एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर है. में एक बहुत ही नॉर्मल औरत हूँ और हमेशा अपनी फेमिली का ख्याल रखती हूँ, मेरे दो बच्चे है.

मेरी शादी को 12 साल हो चुके है और हम दोनों पति-पत्नी एक दूसरे से बेहद प्यार करते है, लेकिन पता नहीं क्यों मेरे पति मुझसे सेक्स में संतुष्ट नहीं रहते है? में उन्हें काफ़ी कोशिश के बाद भी खुश नहीं रख पाती हूँ. वो पिछले 3 साल से मेरे साथ नहीं है, उनका ट्रान्सफर पुणे हो गया है, वो आजकल मुझसे ठीक से बात भी नहीं करते है. में कई बार उनसे मिलने भी गयी, लेकिन वो आजकल एकदम घुटे-घुटे से रहते है.

अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि में क्या करूँ? फिर मेरी एक सहेली से मैंने इस बारे में बात की. फिर उसने कहा कि तू उन्हें वॉच कर शायद उनका किसी और के साथ चक्कर हो. अब में अब उन पर वॉच करने लगी और उन्हें बहलाकर सब कुछ जानने की कोशिश करने लगी थी. फिर मैंने देखा कि वो हमेशा उदास रहते है और खाली टाईम में ब्लू फिल्म देखते रहते है और कहानियाँ पढ़ते रहते है. फिर काफ़ी दिनों के बाद भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि उनका किसी और से चक्कर है.

अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद में ही कहीं ना कहीं ग़लत हूँ. अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? फिर काफ़ी सोचने के बाद एक दिन मैंने उनके मोबाईल से सारा डाटा अपने मोबाईल में कॉपी कर लिया और उनके मोबाईल में लोड की हुई सारी ब्लू फिल्मों को बड़े ध्यान से देखना शुरू किया.

अब मुझे सारी मूवी देखने और स्टोरी पढ़ने में 1 हफ्ता लग गया था, क्योंकि मैंने बहुत ज़्यादा ध्यान देकर और समझकर सारी स्टोरी पढ़ी और ब्लू फिल्म देखी थी. अब में यह सब देखकर और पढ़कर एकदम हैरान हो गयी थी, अब मेरे दिमाग़ और हाथ पैरों ने काम करना बंद कर दिया था. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? क्योंकि जो कुछ मैंने पढ़ा और देखा था, वो करना मेरे लिए नामुमकिन था. अब में 2-3 दिन तक इसी सोच में पड़ी रही, क्योंकि इस तरह का ब्रूटल सेक्स मेरे लिए करना तो दूर सोचना भी मुश्किल था. फिर में वापस अपने घर आ गयी, लेकिन अब यह सब कुछ मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रहा था. अब में हर पल परेशान रहने लगी और अकेले में रोती रहती थी, अब घर में सभी मुझसे इसका कारण पूछते, तो अब में उन्हें क्या बताती?

फिर मैंने मेरी सहेली को सब कुछ बताया, तो उसने मुझे समझाया और कहा कि देख तू चाहे तो सब कुछ कर सकती है, एक बार कोशिश तो करके देख हर मर्द एक जैसे नहीं होते है और सभी की जरूरतें अलग-अलग होती है, तू वापस अपने पति के पास जा और वही कर जो वो चाहते है, इसी से तू और तेरा पूरा परिवार खुश हो सकता है.

फिर मैंने उससे इसका कारण पूछा, तो वो मुझे एक बड़ी डॉक्टर के पास ले गयी. तब उस डॉक्टर ने मुझे बताया कि ब्रूटल सेक्स की चाहत किसी भी व्यक्ति को 3 कारण से होती है.

  1. अगर कोई व्यक्ति ज़रूरत से ज़्यादा परेशानी और टॉर्चर से रहा हो और उसके बाद भी अपनी चाहत पूरी ना कर पा रहा हो, मतलब अपनी ज़िंदगी से बिल्कुल निराश हो गया हो तो ऐसा व्यक्ति इस टाईप का सेक्स चाहता है, क्योंकि वो अपने आपको बेहद दर्द और तक़लीफ़ देना चाहता है, क्योंकि अगर फिज़िकल दर्द बहुत ज़्यादा होगा तो शायद वो मेंटली दर्द भूल जाएगा.
  2. ऐसे व्यक्ति जिन्हें बहुत कोशिश करने के बाद भी अपनी मर्ज़ी के मुताबिक सेक्सुल सन्तुष्टी अपने पार्ट्नर से ना मिले तो ऐसे लोग ब्रूटल सेक्स अपने उसी पार्ट्नर से चाहते है, क्योंकि ये लोग यह सोच लेते है कि चलो अब दर्द से करके ही जी लेंगे.
  3. ऐसे लोग जो बिल्कुल ज़िंदगी से हार जाते है और जो अपनी ज़िंदगी में अपनी कोई भी इच्छा पूरी नहीं कर पाते है, ऐसे लोग भी ऐसा सेक्स चाहते है, वैसे ब्रूटल सेक्स की बहुत ज़्यादा ब्लू फिल्म देखना भी एक कारण है.

फिर उसने कहा कि अब तू खुद सोच कि तेरे पति के साथ कौन-कौन सा कारण है? जितने ज़्यादा कारण होंगे, वो उतना ही ज़्यादा ब्रूटल डिमांड करेगा. फिर मैंने उससे पूछा कि यह प्रोब्लम ठीक कैसे होगी? तो उसने कहा कि कुछ ही दिनों में यह ठीक हो जाएगी, अगर में बहुत ज़्यादा ब्रूटली सेक्स करती रहूँ और उसे संतुष्ट कर दूँ.

फिर काफ़ी सोचने के बाद मैंने फ़ैसला किया कि अब में वही करूँगी, जो मेरा पति चाहता है. अब में उन्हें हर वो चीज़ दूँगी, जो वो चाहते है और इतनी ज़्यादा ब्रूटल बनाउंगी, जितना किसी भी ब्लू फिल्म में भी आज तक ना दिखाया गया हो और फिर में उनके पास पहुँच गयी. फिर पहले दिन मैंने उन्हें काफ़ी प्यार दिया और एक बहुत ही रोमांटिक सेक्स करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मेरा ज़रा सा भी साथ नहीं दिया, क्योंकि उन्हें तो सिर्फ़ ब्रूटल सेक्स ही चाहिए था, वैसे भी अकेलेपन ने उन्हें काफ़ी बदल दिया था और वो बहुत चिड़चिड़े हो गये थे. अब में मायूस हो गयी थी.

फिर मेरी आत्मा ने मुझसे कहा कि तू यहाँ जो करने आई है वो कर, रोमांटिक सेक्स और प्यार तो में काफ़ी दे चुकी हूँ, लेकिन उन्हें अब यह पसंद नहीं है.

अब पता नहीं क्यों में चाहकर भी उस टाईप का सेक्स नहीं कर पा रही थी? अब मुझे एक अंजाना सा डर लग रहा था, या यूँ समझ लीजिए कि में ब्लू फिल्म की तरह नहीं बन पा रही थी. खैर फिर मैंने अपने आपसे वादा किया कि अब में ब्लू फिल्म में दिखाई जाने वाली औरत की तरह ही ब्रूटल और वहसी बनकर ही रहूंगी, चाहे जो भी हो.

फिर में 3 दिनों तक दुबारा से ब्लू फिल्म देखती रही और स्टोरी पढ़ती रही और उसमें दिखाई जाने वाली हर एक स्टेप और बातों को अपने दिमाग़ में सेट करती रही, ताकि कुछ भी छूट ना जाए. फिर एक दिन मैंने हर तरह से सारी तैयारी कर ली. फिर जब मेरे पति शाम को घर आए तो मैंने बहुत बढ़िया से सज-सवरकर एक बहुत ही मॉडर्न ड्रेस पहनकर उनका स्वागत किया.

फिर उनके फ्रेश होने के बाद मैंने उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाया और उन्हें बहुत प्यार किया और कहा कि जान आज में तुम्हें हर तरह से खुश करूँगी, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े? तो उन्होंने मुझे अपने से दूर कर दिया और बड़ी बेरूख़ी से कहा कि तुम इस लायक नहीं हो.

अब मुझे बहुत दुख हुआ, मगर मैंने उनसे कहा कि आज बस तुम देखते जाओ. फिर में विस्की की बोतल लेकर बालकनी में आ गयी और अकेले बैठकर पीने लगी और फिर उन्हें भी पीने को कहा. अब वो तो जैसे हैरान हो गये और मेरे चेहरे पर एक कातिलाना स्माईल आ गयी, क्योंकि आज में पहली बार पी रही थी, इसलिए मैंने बहुत थोड़ी सी ही पी और उन्हें भी थोड़ी सी ही पिलाई, ताकि मेरा सारा प्लान बर्बाद ना हो. अब वो बहुत खुश लग रहे थे. उसके बाद में उन्हें रूम में ले गयी और उन्हें कपड़े खोलने को कहा.

अब वो यह नहीं जानते थे कि में आज क्या करने वाली हूँ? इसलिए उन्होंने मना कर दिया और कहा कि मेरा मूड नहीं है. अब मुझे यह प्रूफ करना था कि में आज रियली में उन्हें खुश करना चाहती हूँ. फिर मैंने एक बार अपने मन में दुबारा से ब्लू फिल्म में देखे गये सीन को याद किया और अपने आपको आने वाले पल के लिए अंदर से तैयार किया और दुबारा से उन्हें थोड़े गुस्से में अपने कपड़े खोलने को कहा, मगर उन्होंने फिर से मना कर दिया.

तभी मैंने उन्हें खींचकर एक थप्पड़ उनके गाल पर मारा और कहा कि खोल मादरचोद नहीं तो फाड़ दूँगी. अब वो एकदम से हैरान हो गये और अपने गाल सहलाने लगे, इससे पहले कि में दूसरा थप्पड़ मारती, उन्होंने तुरंत अपने कपड़े खोल दिए और नंगे हो गये. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और कसकर उनके बालों को पकड़कर मेरे बूब्स उनके मुँह में दबा दिए और बोली कि चूस कुत्ते जी भरकर चूस. अब मैंने उनके बाल इतने ज़ोर से पकड़े थे कि उनकी आँखों से आँसू निकल गये थे.

फिर मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली की और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी. अब मेरे मुँह से निकलती सिसकारियों को सुनकर वो खुश हो गये और ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स चूसने लगे, अब मुझे भी मज़ा आने लगा था.

अब में बीच-बीच में उनके गालों पर धीरे-धीरे थप्पड़ मारती जा रही थी और अपने बूब्स चुसवाए जा रही थी और उन्हें गालियाँ भी देती जा रही थी. अब उनके चेहरे पर वर्षो की दबी हुई चाहत पूरी होने की खुशी और दर्द का मिला जुला असर था. अब मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपनी स्कर्ट खोल दी और जैसे ही मैंने अपनी स्कर्ट खोली तो उनका दिमाग़ घूम गया, क्योंकि मैंने स्कर्ट के नीचे उनसे छुपाकर बहुत पहले से ही एक बहुत ही मोटा और लंबा रबड़ का लंड पहना हुआ था, जिसे देखकर उनकी आँखें फटी की फटी रह गयी थी और मेरे चेहरे पर एक कातिलाना स्माईल आ गयी थी.

फिर मैंने उनके बालों को पकड़ा और उनके मुँह में रबड़ का लंड डाल दिया. अब में ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड उनके मुँह में अंदर बाहर करती रही, जिससे उन्हें बहुत तकलीफ़ हो रही थी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

अब में रबड़ के लंड को ज़बरदस्ती उनके मुहं के अंदर घुसाने लगी थी, जिससे उन्हें उल्टी आनी शुरू हो गयी थी, लेकिन मैंने इसकी कोई परवाह नहीं की और ज़ोर-ज़ोर से उनका मुँह चोदती रही, अब उन्हें काफ़ी उल्टी हुई थी. फिर में काफ़ी देर तक अलग-अलग पोजिशन और स्टाईल से उनका मुँह चोदती रही. अब में उनके चेहरे पर और उनके मुँह के अंदर थूकती जा रही थी और उनके गालों पर कभी थप्पड़ और कभी रबड़ के लंड से मारती जा रही थी.

अब उनका पूरा चेहरा मेरे और उनके थूक से भर गया था और थप्पड़ की चोट से पूरा लाल हो गया था. अब यह देखकर में सोचने लगी थी कि में यह क्या कर रही हूँ? अपने पति के मुँह पर थूक रही हूँ और मार भी रही हूँ, लेकिन आख़िर मैंने अपने मन में आते ख्यालों को बाहर निकाला, क्योंकि आज मेरा असली टारगेट उन्हें पूरी तरह से खुश करके हमारे बीच के प्यार को दुबारा जिंदा करना था, वैसे भी आज मुझे हर काम हद से ज़्यादा ही करना था.

फिर मैंने बार-बार स्टाईल और तरीका चेंज कर-करके और अपने रबड़ के लंड पर बीच-बीच में हनी डाल डालकर उनसे रबड़ का लंड चुसवाया. फिर मैंने उन्हें बेड पर पटक दिया और उन्हें पेट के बल सुलाकर उनकी गांड की क्रीम से मसाज करने लगी. अब काफ़ी देर तक मसाज करने के बाद मैंने उनकी गांड में बहुत सारा नारियल तेल भर दिया और बहुत सारी क्रीम भी भर दी, जिससे उनकी गांड एकदम सॉफ्ट हो गयी.

फिर मैंने अपने रबड़ के लंड पर कंडोम लगाया और फिर में उनके ऊपर चढ़ गयी और अपना रबड़ का लंड उनकी गांड में घुसाना शुरू किया, क्योंकि रबड़ का लंड बहुत ज़्यादा मोटा था, इसलिए वो उनकी गांड में घुस नहीं रहा था और बार-बार फिसल रहा था. फिर मैंने उनसे अपने दोनों हाथों से चूतड़ को पूरा फैलाने को कहा, लेकिन वो नहीं माने.

फिर मैंने पास में पड़ी हुई उनकी बेल्ट से कसकर उनके चूतड़ पर एक बेल्ट मारी तो वो ज़ोर-जोर से चिल्लाने लगे और उन्होंने तुरंत अपने चूतड़ फैला दिए. फिर मैंने थोड़ी और क्रीम अपने रबड़ के लंड पर लगाई और फिर अपने रबड़ के लंड को उनकी गांड के छेद पर सेट किया और एक जोरदार झटका मारा.

अब मेरा आधा रबड़ का लंड उनकी गांड को फाड़ते हुए अंदर घुस गया था. अब वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए जैसे मैंने उनकी गांड में कोई चाकू घुसेड़ दिया हो और मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगे.

फिर मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और 3-4 बेल्ट खींचकर उनके चूतड़ और पीठ पर मारे, तो वो ज़ोर- ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगे. फिर मैंने अपनी पेंटी उनके मुँह में घुसेड़ दी और बोली कि चुप हो ज़ा मादरचोद तुझे ब्रूटल सेक्स की बहुत चाहत थी ना, तुम दिनभर मोबाईल में यही देखते हो ना, इसी सेक्स के लिए तुमने हमारे बीच के रिश्तों को खराब किया हुआ था, आज में तेरी हर चाहत पूरी करूँगी, चुप हो जा और शांति से मुझे तेरी गांड फाड़ने दे, नहीं तो बेल्ट से मार-मारकर तेरा पूरा बदन छील दूँगी.

अब मेरा इतना रुद्र और वहसी रूप देखकर रोहित चुप हो गया था. अब उनकी गांड में मेरा रबड़ का लंड आधा घुस चुका था. फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार शॉट मारा तो मेरा लंड आधा अंदर घुस गया.

अब उसकी जोरदार चीख मेरी पेंटी पर अपना मुँह होने के कारण अंदर ही घुट कर रह गयी थी. अब वो मुझे धक्का देने लगा और ज़ोर-ज़ोर से अपने हाथ-पैर पटकने लगा था. फिर मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और कस-कसकर उसकी पीठ और चूतड़ों पर मारने लगी. फिर में पूरी उसकी पीठ पर सो गयी और ज़ोर से उसके कंधे पर अपने दाँत से काटा.

अब वो भयंकर दर्द से बिलबिलाने लगा और मुझसे हाथ जोड़कर दया की भीख माँगने लगा, लेकिन में आज किसी भी कीमत पर मानने वाली नहीं थी, अब में उसके चूतड़ों पर बैठ गयी और एक और जोरदार शॉट मारा तो अब उसकी गांड से खून निकलने लगा था. अब वो लगभग बेहोश सा हो गया था, अब में भी काफ़ी थक गयी थी. फिर में अपना रबड़ का लंड उनकी गांड में घुसाकर उनके चूतड़ों पर ही बैठ गयी और थोड़ी देर आराम करने लगी.

अब वो लगातार रोए जा रहे थे, अब मुझे भी उन पर दया आने लगी थी, लेकिन मैंने तुरंत ही अपने मन को संभाला, क्योंकि अगर आज मैंने ज़रा सी भी दया दिखाई तो शायद फिर सारी ज़िंदगी अपना खोया प्यार दुबारा नहीं पा सकूँगी. फिर थोड़ी देर तक आराम करने के बाद मैंने फिर से उनकी गांड मारना शुरू किया. अब में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाती जा रही थी.

फिर काफ़ी देर तक उनकी गांड मारने के बाद मैंने अपनी पोज़िशन चेंज की और उन्हें कुत्ता बनाकर चोदने लगी और साथ ही उनके चूतड़ों पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ भी मारने लगी और अपने नाखूनों से उसकी पीठ नोचने लगी. अब उन्हें बहुत दर्द हो रहा था और वो रोते जा रहे थे. फिर धीरे-धीरे उनका रोना कम होता गया. फिर मैंने उन्हें पीठ के बल सुला दिया और उनके ऊपर लेट गयी और जोरदार तरीके से चुदाई करने लगी. अब में साथ ही उनके पूरे बदन को अपने हाथों से सहला रही थी और उनके निप्पल को और होंठो को चूसती जा रही थी. अब इस पोज़िशन में और मेरे प्यार से अब उनका दर्द काफ़ी कम हो रहा था.

फिर मैंने उनको पीठ के बल ही थोड़ा नीचे खींचा और में बेड के नीचे खड़ी हो गयी. फिर मैंने दुबारा से खड़े-खड़े ही उनकी गांड में पूरी ताक़त से एक ही बार में अपना पूरा रबड़ का लंड जड़ तक डाल दिया. अब वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए कि बताना मुश्क़िल है, लेकिन मैंने उन पर ज़रा सा भी रहम ना करते हुए इस बार अपनी पूरी ताक़त से भयंकर चुदाई शुरू कर दी. यह इतना जबरदस्त था कि पूरा बेड ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा था और साथ ही में उन्हें अपने हाथों से मारती भी जा रही थी और उन्हें गालियाँ भी देती जा रही थी.

फिर में उनका लंड सहलाने लगी, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली. अब में भी बहुत ज़्यादा थक चुकी थी, क्योंकि हमने यह सब रात में 8 बजे शुरू किया था और अब 1 बज चुके थे. फिर में उनके ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गयी और उनका लंड चूसने लगी और अपनी गांड उनके मुँह में घुसेड़ दी और ज़बरदस्ती उनसे अपनी गांड चटवाने लगी. अब में उनका लंड चूसती रही और उनसे अपनी गांड चटवाती रही.

फिर जब उनका वीर्य निकला, तो मैंने वो सारा स्पर्म अपने मुँह में भरकर उनके मुँह में डालकर ज़बरदस्ती उनको पिला दिया. फिर मैंने उनको बेड से नीचे उतार दिया और उनके ऊपर चढ़कर उनके मुँह और सारे बदन पर मूतने लगी.

अब उनका पूरा बदन मेरे पेशाब से भर गया था. फिर मैंने ज़बरदस्ती उन्हें बाथरूम में ले जाकर नहलाया और बेड पर सुला दिया. अब उनकी हालत काफ़ी खराब हो गयी थी, वो अभी भी सिसक रहे थे और रो रहे थे. सच ही है अगर 4 घंटे तक लगातार किसी की गांड मारी जाए तो सोचिए उसका क्या होगा? अब मुझे भी अपनी चूत चुदवाने की ज़रूरत थी, लेकिन उनकी हालत इतनी खराब थी कि फिलहाल यह संभव नहीं था, वैसे भी रात के 1 बज गये थे. फिर मैंने भी रूम में फैले अपने पेशाब को साफ किया और सुबह 5 बजे का अलार्म सेट करके सो गयी. फिर सुबह 5 बजे मेरी नींद खुल गयी तो मैंने देखा कि मेरे पति नंगे ही सोए हुए है और अब में भी नंगी ही थी.

फिर में उठी और अपनी ज़रूरत का सारा सामान बेड पर ले आई. अब वो एकदम बेहोशी में सोए हुए थे. फिर मैंने नींद में ही उनकी गांड और चूतड़ों की क्रीम और तेल से खूब मसाज की, अब उन्हें होश ही नहीं था. फिर उसके बाद मैंने एक दवा और क्रीम बहुत सारी उनकी गांड में घुसेड़ दी. इस क्रीम की ख़ासियत यह है कि इसे स्किन में जहाँ भी लगाया जाता है, वहाँ की स्किन 3-4 घंटे के लिए सुन्न हो जाती है, बस इस क्रीम को ठीक से लगाकर 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है. फिर में क्रीम लगाकर टॉयलेट में चली गयी. फिर मैंने वो रबड़ का लंड दुबारा से पहना और उस पर कंडोम लगाया और बहुत सारी क्रीम लगाई और उन्हें ठीक से पेट के बल सुलाया. फिर मैंने उनके चूतड़ पूरे फैलाए और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर ठीक से लगाया और फिर उनकी गांड में घुसेड़ दिया.

अब वो नींद में ही थोड़ा सा झटपटाए, लेकिन क्रीम लगाने के कारण शायद उन्हें ज़्यादा एहसास नहीं हुआ था, अभी मेरा रबड़ का लंड ज़रा सा ही अंदर घुसा था. फिर मैंने अपनी पूरी ताक़त से एक ही झटके में पूरा लंड उनकी गांड में जड़ तक घुसेड़ दिया. अब उनकी गांड से खून की धार बहने लगी थी और अब एक झटके में उनकी आँख खुल गयी और वो चीख उठे थे. हालांकि मैंने उनकी गांड पर क्रीम लगाई थी. फिर भी इतनी बेरहमी से एक झटके में इतना मोटा लंड घुसने पर कुछ तो दर्द होना ही था. अब वो चीखने लगे और अपनी पूरी ताक़त से मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटा दिया. अब मुझे इतना गुस्सा आया कि मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और उन्हें बेल्ट से मारना शुरू कर दिया. अब उनके चूतड़ एकदम लाल हो गये थे और वो रोने लगे थे.

फिर मैंने उनके गालों पर 3-4 थप्पड़ मारे और उन्हें फिर से बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़कर दुबारा से अपने लंड को पूरा उनकी गांड में घुसेड़ दिया. हालांकि वो मुझसे ताक़त में काफ़ी ज़्यादा थे, लेकिन फिर भी वो अपनी ताक़त प्रयोग नहीं कर रहे थे. इसी से में समझ गयी थी कि अगर ये ताक़त का प्रयोग करते तो में कभी भी यह सब नहीं कर पाती, लेकिन वो भी कई सालों से यही सब करवाना चाहते थे, इसलिए वो अपनी ताक़त का प्रयोग नहीं कर रहे थे.

वैसे भी इस बार उन्हें दर्द नहीं होना था, क्योंकि मैंने क्रीम जो लगाई थी. फिर मैंने अपनी पूरी ताक़त से और फुल स्पीड में उनकी चुदाई करनी स्टार्ट कर दी. बस इतना समझ लीजिए कि इस बार की चुदाई इतनी ख़तरनाक और जबरदस्त थी कि अगर मैंने क्रीम ना लगाई होती तो शायद उन्हें इतना भयंकर दर्द होता कि वो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर पाते. फिर थोड़ी ही देर में उनकी गांड पूरी सुन्न हो गयी, इसलिए उन्हें इसका एहसास नहीं हुआ और वो बोले कि क्या हुआ लंड क्यों निकाल लिया?

अब में समझ गयी थी कि अब चाहे इनकी गांड में चाकू ही घुसेड़ दो, लेकिन इन्हें कुछ पता नहीं चलेगा और में अपनी पूरी ताक़त और फुल स्पीड में उनकी गांड मारती रही. अब लगभग 1 घंटे में ही में बुरी तरह से थक गयी थी. फिर लास्ट में मैंने एक बार फिर उन्हें कुत्ता बनाकर बहुत बुरी तरह से चोदा और उसके बाद अपना रबड़ का लंड बाहर निकल लिया. फिर मैंने देखा कि अब मेरे रबड़ के लंड पर बहुत सारा खून लगा हुआ है और उनकी गांड से भी खून बह रहा है. फिर मैंने सब कुछ ठीक से साफ करके थोड़ी सी क्रीम एक रुई में लेकर उनकी गांड में भर दी, लेकिन मैंने उन्हें यह सब नहीं बताया था. अब में जानती थी कि 3-4 घंटे के बाद जब क्रीम का असर ख़त्म होगा, तब इनकी हालत बहुत खराब होने वाली है.

अब वक़्त था मेरी चूत की आग शांत करने का, जो रातभर से चुदाई के लिए तड़प रही थी. फिर मैंने उनको सीधा किया और उनका लंड चूसने लगी, अब जल्दी ही उनका लंड खड़ा हो गया था. फिर में उनके ऊपर चढ़ गयी और अपनी चूत को उनके लंड पर सेट किया और एक ही झटके में उनका लंड जड़ तक अपनी चूत में डाल लिया. अब मुझे एक जबरदस्त शांति मिली थी, आख़िर में भी पिछले 3-4 महीनों से चुदाई के लिए तड़प रही थी और फिर में उनके लंड पर कूदने लगी.

में आज इतनी खुश थी कि में बता नहीं सकती. अब में जल्दी ही थक गयी और उनसे एक मस्त चुदाई की रिक्वेस्ट की. फिर वो मेरे ऊपर आ गये और उन्होंने मेरी इतनी मस्त और जबरदस्त चुदाई की, जो में आपको शब्दों में बता नहीं सकती हूँ. फिर जब उनका स्पर्म मेरी चूत में निकला, तो मुझे इतनी शांति और सुकून मिला, जो शायद इस दुनिया की और किसी चीज़ में नहीं है.

अब मैंने कसकर उनको अपनी बाहों में जकड़ लिया था और पागलों की तरह उन्हें किस करने लगी और उनके चेहरे को चाटने लगी थी, अब उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया था. फिर काफ़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे को जकड़कर प्यार करते रहे, शायद यह पल मेरी ज़िंदगी के सबसे हसीन पल थे, जिन्हें में खोना नहीं चाहती थी, क्योंकि आज की इस रात को मैंने वो सब कुछ किया था, जिसके बारे में कभी सोच भी नहीं सकती थी.

फिर में उठी और उनको एक पैन किलर टैबलेट दी, जिससे उन्हें ज़्यादा दर्द ना हो. फिर वो टैबलेट खाकर फिर से सो गये. अब उनके सोने के बाद मैंने उनके पूरे बदन पर जहाँ- जहाँ बेल्ट से मारा था, नाखूनों से नोचा था और दाँत से काटा था, सभी जगह दवा लगाने लगी. अब उनके ज़ख़्मों को देखकर मेरी आँखों से आँसू बहने लगे थे और में फूट-फूटकर रोने लगी थी कि आख़िर मैंने यह क्या कर दिया? अब मुझे अपनी इस हरकत पर अपने आपसे इतनी तकलीफ़ हो रही थी कि में शब्दों में बता नहीं सकती. फिर मुझे भी रोते-रोते नींद आ गयी, जबकि दोपहर के 1 बज चुके थे. फिर भी में सो गयी.

फिर शाम को 4 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि रोहित भयंकर दर्द से बुरी तरह तड़प रहे है और फिर मैंने गर्म पानी से उनकी गांड की 3 दिनों तक खूब सिकाई की और दवा लगाई, तब जाकर उन्हें कुछ आराम हुआ और वो ठीक हो पाए. आज ज़िंदगी में पहली बार वो मुझसे इतना खुश थे कि बताना मुश्क़िल है.

फिर वो बोले कि आज तुमने मेरी सबसे बड़ी तमन्ना पूरी की है. अब उनका स्वभाव मेरे साथ पूरी तरह से बदल चुका था, अब वो मुझे इतना प्यार कर रहे थे, जितना शायद कोई पति अपनी पत्नी से नहीं करता होगा. अब में हमेशा सोचती हूँ कि क्या ये सब मैंने ठीक किया? क्या मुझे ऐसा करना चाहिए था? क्या इस दुनिया में ऐसे अजीब शौक रखने वाले मर्द भी है? जिनकी जरूरतें इतनी ख़तरनाक है. अब उन्हें हर महीने में 1-2 बार ऐसा ही ब्रूटल सेक्स चाहिए था, आख़िर क्यों रोहित को यह सब चाहिए था?

फिर मैंने बहुत सोचा, लेकिन आज तक मुझे इसका जवाब नहीं मिला. खैर अब तो मैंने भी अपने आपको उनके अनुसार बदल लिया है. अब में महीने में 2 बार ऐसा उनके साथ ज़रूर करती हूँ और कोशिश करती हूँ कि इस दौरान ज़्यादा से ज़्यादा ब्रूटल बनूँ और हर बार कुछ नया और अलग करूँ. अब ऐसा करने से मुझे अंदर से बहुत तकलीफ़ होती है, क्योंकि में उनसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन क्या करूँ मजबूर हूँ? बगैर ऐसा किए हमारी ज़िंदगी में खुशी नहीं आ सकती है.

वैसे भी अब में अक्सर उन्हें सताती रहती हूँ और कई बार उन्हें परेशान करने के लिए में खूब उनका लंड चूसती हूँ और जैसे ही उनका स्पर्म निकलने वाला होता है तो में चूसना बंद कर देती हूँ, तब वो मुझसे एक बार चोदने की कुत्ते की तरह भीख माँगते है. सच में मुझे उन्हें ऐसे चुदाई की आग में जलाने और तड़पाने में बहुत मज़ा आता है. फिर थोड़ी देर तक उन्हें तड़पाने के बाद उनसे चुदवाने में बहुत मज़ा आता है.

अब हमारी ज़िंदगी ऐसे ही बहुत मज़े में कट रही है. अब अक्सर वो भी मेरी गांड मारते है, वो कभी-कभी तो खुद रबड़ का लंड पहनकर एक साथ दो लंड मेरी गांड और चूत में घुसा देते है. मुझे दर्द भी बहुत होता है, लेकिन क्या करूँ? उनके बेपनाह प्यार के कारण में सारा दर्द भी सह लेती हूँ. अब वैसे भी मुझे धीरे-धीरे इन सबकी आदत भी पड़ती जा रही है, क्योंकि अगर अपने पति को खुश रखना है और उनका प्यार पाना है तो इतना तो सहना और करना ही पड़ेगा.